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घर में कबूतर का बोलना शुभ है या अशुभ, भविष्य से जुड़े होते हैं संकेत

अक्सर हम देखते हैं कि घरों में कुछ पक्षी अपना घोंसला बना लेते हैं। कुछ पक्षियों का घर में आना बहुत शुभ होता है, तो कुछ का बेहद अशुभ होता है। वहीं, कबूतर भी घर के बाहर आंगन या बालकनी अपना घोंसला बना लेते हैं। शकुन शास्त्र के अनुसार, कबूतर मां लक्ष्मी के भक्त होते हैं। कबूतर को काफी शुभ माना जाता है। लेकिन कई बार यह अशुभ संकेत देते हैं। कबूतर का आपके घर में घोंसला बनाना, भविष्य से जुड़े संकेत देता है। आइए, जानते हैं कि शकुन शास्त्र में कबूतर से जुड़े शुभ और अशुभ संकेत कौन-से हैं।

कबूतर से जुड़े शुभ-अशुभ संकेत

– ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कबूतरों को दाना खिलाने से कुंडली में गुरु और बुध की स्थिति मजबूत होती है। यदि आपके घर में कबूतर का आना-जाना रहता है, तो इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

– माना जाता है कि जब कबूतर बिना घोंसला बनाए आपके घर आता है, तो यह बेहद शुभ संकेत होता है। यदि आपके घर रोज कबूतर आते हैं, तो उन्हें दाना जरूर खिलाएं।

– शकुन शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र दोनों में ही कबूतर को शुभ माना गया है। लेकिन कबूतर का घर में घोंसला बनाना शुभ नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि घर में कबूतर का घोंसला दुर्भाग्य की ओर इशारा करता है। इससे घर के सदस्यों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ता है।

– अगर आप कहीं बाहर जा रहे हैं और अचानक कबूतर आपके दाईं ओर से उड़कर जाए तो यह अशुभ संकेत माना जाता है। वहीं, यदि कबूतर आपके सिर के ऊपर से उड़कर जाता है, तो इससे आपके जीवन की समस्याएं खत्म होती हैं।

– वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि दिन के प्रथम पहर में कबूतर की आवाज सुनाई देती है, तो यह शुभ संकेत होता है। लेकिन अगर कबूतर की आवाज चौथे पहर में सुनाई दे, तो इसका अर्थ है कि आपको कोई बड़ा नुकसान होने वाला है।

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‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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