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जैन मंदिर में हुए कार्यक्रम में बच्चों ने सकारात्मक जीवन शैली और अध्यात्म के बारे में जाना

भोपाल। चौक बाजार में स्‍थित श्वेतांबर जैन समाज के मंदिर में चल रहे चातुर्मास में स्कूल के बच्चों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इस दौरान बच्चों को सकारात्मक ढंग में जीवन जीने के सूत्र बताए गए। वाद-विवाद प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों और युवाओं ने जीवन और अध्यात्म के विभिन्न पहलुओं को समझा। साध्वी लब्धि पूर्णा के सानिध्य में बच्चों एवं युवाओं द्वारा वाद-विवाद, पक्ष एवं विपक्ष के द्वारा ज्ञानवर्धक कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति, संस्कारों धर्म के सिद्धांत और जीवन में सुखी और निरोगी रहने के सूत्र बताए गए।

श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेश तातेड़ ने बताया कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान महावीर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्‍ज्वलन के साथ हुआ। मित्र और कल्याण मित्र की प्रतियोगिता में बच्चों ने कहा कि मित्र जीवन में मुस्कान देता है, पर मुस्कान मित्र आत्मा और परमात्मा की पहचान बताता है। सात्विक भोजन और फास्टफूड की डिबेट में कहा कि सात्विक भोजन हरे-भरे पत्तों एवं फलों युक्त वह पेड़ हैं, जो हमारे जीवन में हर तरह से सुख प्रदान कर जीवन को संतुष्ट और संतोषी बनाता है। वहीं फास्ट फूड वह सूखा पेड़ है, जो जीवन में दुख, बीमारियां एवं समस्याएं उत्पन्न करता है। सात्विक भोजन प्रभु का प्रसाद मानकर शरीर चलाने के लिए ग्रहण करना चाहिए। फास्ट फूड हमारे जीवन के समय को धीरे-धीरे नष्ट कर विभिन्न बीमारियों में जकड़ लेता है। शिक्षक और गुरु पर बोला गया कि शिक्षक तो हमारे करियर को ब्राइट बनाते हैं पर गुरु हमें सही दिशा दिखाकर उत्तम चरित्र का निर्माण करते हैं और गुरु धार्मिक अध्यात्मिक शिक्षा और ज्ञान के माध्यम से हमारा निर्माण करते हैं।

वाद-विवाद प्रतियोगिता में स्कूल पाठशाला, मोबाइल सुविधा है या दुविधा, तीर्थ यात्रा, पिकनिक, जैनिजम एवं साइंस, प्रवचन एवं दूरदर्शन, सनातन संस्कृति पश्चिम संस्कृति, संत जीवन एवं संसारिक जीवन माता-पिता का स्थान घर या वृद्धाश्रम, नववाणु या हिल स्टेशन आदि विषयों पर विस्तृत रूप से जानकारी बच्चों को दी गई।

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