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ट्रांसपोर्ट कंपनी को देना होगा 30 हजार रुपये हर्जाना, देरी से भी पहुंचाया था सामान

भोपाल। एक शहर से दूसरे शहर में सामान को भेजने के लिए अक्सर लोग ट्रांसपोर्टेशन कंपनी से बुकिंग करते हैं, लेकिन कंपनी भी भरोसे पर खरा नहीं उतरी।

राजधानी के अरेरा कालोनी निवासी एक उपभोक्ता का पूणे से भोपाल स्थानांतरण हुआ। वहां से सामान भेजने के लिए उपभोक्ता एक ट्रांसपोर्टेशन कंपनी से बुकिंग कराई। ट्रांसपोर्टेशन कंपनी ने सेवा में कमी की। मामले में जिला उपभोक्ता आयोग क्रमांक-2 की अध्यक्ष गिरिबाला सिंह व सदस्य अंजुम फिरोज ने निर्णय सुनाया कि उपभोक्ता को मानसिक रूप से परेशान होना पड़ा। इस कारण ट्रांसपोर्टेशन कंपनी को 25 हजार रुपये क्षतिपूर्ति राशि के साथ-साथ पांच हजार वाद व्यय देना होगा।

दरअसल अरेरा कालोनी निवासी तपी जैन ने मूवर्स एंड पैकर्स प्रालि के प्रबंधक संचालक के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग में 2017 में याचिका लगाई थी। इसमें शिकायत की थी कि 27 मार्च 2017 पूणे से भोपाल के लिए मूवर्स एंड पैकर्स से सामान पैक कराया था। सामान तय तिथि 31 मार्च के बदले एक अप्रैल को पहुंचा। कुछ सामान टूट-फूट के साथ गुम भी हो गए थे। इस कारण उपभोक्ता आयोग ने ट्रांसपोर्ट संचालक पर 30 हजार रुपये का हर्जाना लगाया।

आयोग ने ट्रांसपोर्टेशन कंपनी के तर्क को खारिज कर दिया

ट्रांसपोर्टेशन कंपनी ने तर्क रखा कि उपभोक्ता के सामने सामान पैक कर लोड किया गया था और पैकिंग सूची पर हस्ताक्षर भी किया था। सभी सामान सुरक्षित पहुंचा दिया गया। जो सामान गुमा है उसकी रसीद उपभोक्ता ने नहीं दी कि कितनी राशि का था। उपभोक्ता ने पांच हजार रुपये बकाया राशि भी नहीं दिया। वहीं उपभोक्ता मामले के अधिवक्ता विनोद कुमार मिश्रा ने कहा कि जिला उपभोक्ता आयोग ने मूवर्स एंड पैकर्स के तर्क को खारिज कर दिया और दोषी ठहराते हुए कहा कि उपभोक्ता का सामान गुमाने के साथ ही उच्च स्तरीय पैकिंग न करने से काफी टूट-फूट गया। इससे उपभोक्ता को काफी नुकसान उठाना पड़ा।

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