भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ) भोपाल में कार्डियोलाजिस्ट के आने के बाद हृदय और किडनी के रोगियों को राहत मिली है। कार्डियोलाजिस्ट आने के बाद एम्स के ट्रांसप्लांट यूनिट को भी मंजूरी मिल गई है। एम्स में राज्य सरकार की ट्रांसप्लांट कमेटी ने इस ट्रांसप्लांट यूनिट का निरीक्षण पूरा कर लिया है। पूर्व में कमेटी ने जिन सुधारों के लिए कहा था, उसे पूरा कर लिया है। इस दौरान कमेटी ने कार्डियोलाजिस्ट की नियुक्ति सहित अन्य कमियों दूर हो जाने पर संतुष्टि जाहिर की है। अब एम्स में इस साल के अंत तक किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने की उम्मीद है। दरअसल, आर्गन ट्रांसप्लांट सहित किसी भी मेजर आपरेशन में कार्डियोलाजिस्ट सबसे महत्वपूर्ण होता है। आपरेशन के पहले मरीज के हृदय की स्थिति की जांच की जाती है। वहीं आपरेशन के दौरान अचानक हृदय पर असर हो सकता है, ऐसे में हृदय की निगरानी भी जरूरी होती है। एम्स प्रबंधन के अनुसार, किडनी के बाद हार्ट ट्रांसप्लांट यूनिट की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। इसकी मंजूरी के लिए प्रस्ताव कमेटी को भेजा गया है। प्रबंधन का कहना है कि लिवर, फेफड़े और बोन मैरो ट्रांसप्लाट की सुविधा भी शुरू करने की योजना है। इसके लिए संस्थान के पास आर्टिफिशियल हार्ट लग्स मशीन से लेकर अन्य उपकरण मौजूद है।
मप्र में ट्रांसप्लांट की स्थिति
– हर साल लिवर ट्रांसप्लांट 10 से 15
– हर साल किडनी ट्रांसप्लाट 50 से 60
– हर साल कार्निया ट्रांसप्लांट 100 से 150
कमेटी की साल पर यह किया काम
– कार्डियोलाजिस्ट की नियुक्ति ।
– 24 घंटे आईसीयू सपोर्ट व्यवस्थित ब्लड बैंक की शुरुआत।
– ट्रासप्लांट के लिए जरूरी आपरेशन थियेटर।
इनका कहना है
एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पूरी व्यवस्थाएं कर ली गई है। इस चिकित्सा सुविधा का प्रदेश के लोगों को लाभ मिलेगा। एम्सको सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में तैयार करने की दिशा में कई प्रोजेक्ट्स पर काम भी शुरू कर दिया गया है।
डा. अजय सिंह, निदेशक, एम्स, भोपाल
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