लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के तीसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ने हमारी सरकार पर बार-बार भरोसा जताया है और मैं देश की करोड़ों जनता के प्रति अपना आभार जताने के लिए यहां आया हूं। उन्होंने कहा कि मैं इसे भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि विपक्ष ये प्रस्ताव लेकर आया। आइये जानते हैं उनके संबोधन की अहम बातें –
पीएम के संबोधन की अहम बातें
- कई ऐसे बिल थे जो गांव, गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी के लिए थे, उनके कल्याण, भविष्य के साथ जुड़े हुए थे। लेकिन उनको (विपक्ष) इसकी चिंता नहीं है… विपक्ष के आचरण, व्यवहार से सिद्ध हुआ है कि उनके लिए देश से अधिक दल है, देश से बड़ा दल है, देश से पहले प्राथमिकता दल की है। मैं समझता हूं कि गरीब की भूख की चिंता नहीं है, आप पर सत्ता की भूख सवार है।
- मैंने 2018 में कहा था कि 2023 में फिर से आना। लेकिन फिर भी आपने (विपक्ष) मेहनत नहीं की… आपने (विपक्ष) देश को निराशा के अलावा और कुछ नहीं दिया। मैं विपक्ष के रवैये पर कहूंगा, ‘जिनके बही-खाते बिगड़े हुए हैं, वे भी हमसे हमारा हिसाब लिए फिरते हैं।
- हमने दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को संभाला है और उसे फिर एक बार नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं, अभी भी कुछ लोग कोशिश कर रहे हैं दुनिया में हमारी साख को दाग लग जाए लेकिन दुनिया अब देश को जान चुकी है। भारत के योगदान पर विश्व का भरोसा बढ़ता चला जा रहा है।
- हमारा ध्यान देश के विकास पर होना चाहिए…यह समय की मांग है। हमारे युवाओं में सपनों को साकार करने की शक्ति है…हमने देश के युवाओं को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार, आकांक्षाएं और अवसर दिए हैं।
- जब हम यह दावा करते हैं कि हम अपनी तीसरी अवधि में देश को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाएंगे तो एक ज़िम्मेदार विपक्ष का काम क्या होता? वह सवाल पूछता कि ‘निर्मला जी, मोदी जी आप यह कैसे करेंगे?’ यह भी मुझे सिखाना पड़ रहा है। हमारे विपक्ष की यह त्रासदी है। यह लोग अनुभवहीनता की बातें करते हैं।
- इनको (विपक्ष) भारत के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं है। इनको भारत के लोगों पर विश्वास नहीं है। लेकिन इस सदन को बताना चाहता हूं कि इस देश का भी, भारत के लोगों का कांग्रेस के प्रति अविश्वास का भाव बहुत गहरा है। कांग्रेस अपने घमंड में इतनी चूर हो गई है कि उसे ज़मीन नहीं दिखाई दे रही है।
- कुछ ही दिन पहले बेंगलुरू में आपने मिल-जुलकर करीब दो दशक पुराने UPA का क्रिया कर्म किया है, उसका अंतिम संस्कार किया है। लोकतांत्रिक व्यवहार की मुताबिक मुझे आप लोगों को सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए थी। मैंने संवेदना व्यक्त नहीं की क्योंकि आप लोग जश्न मना रहे थे। जश्न क्यों मना रहे थे क्योंकि आप लोग खंडहर पर प्लास्टर लगा रहे थे।
- मैं मणिपुर के लोगों, माता, भाइयों, बहनों से कहना चाहुंगा कि देश आपके साथ है। यह सदन आपके साथ है। हम सब मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालेंगे। मणिपुर विकास की राह पर आगे बढ़ेगा।
- यह सच है कि लंका को हनुमान ने नहीं जलाया था, उनके (रावण) घमंड ने जलाया। जनता भी भगवान राम की तरह है और इसीलिए आप 400 से 40 पर आ गए हैं। आपको तकलीफ हो रही है कि एक गरीब आदमी यहां कैसे बैठा है और यह आपको सोने नहीं दे रहा है और यहां की जनता देश आपको 2024 में भी सोने नहीं देगा। एक समय था जब जन्मदिन पर हवाई जहाज में केक काटा जाता था, लेकिन आज उन्हीं हवाई जहाज में गरीबों के लिए टीके भेजे जा रहे हैं।
- दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें हर संभव कोशिश कर रही हैं। मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आने वाले समय में मणिपुर में शांति बहाल होगी। मैं मणिपुर की महिलाओं और बेटियों सहित मणिपुर के लोगों से कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है।
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