सीहोर। पक्के मकान का सपना संजोए ग्रामीणों का इंतजार कब खत्म होगा यह कह नहीं सकते, क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में जिले को अभी तक लक्ष्य प्राप्त नहीं हुए हैं। अब ऐसे में लग रहा है कि योजना से हाल फिलहाल छूटे ग्रामीणों की वर्षा और सर्दी कच्चे मकानों में ही कटने वाली है। अप्रैल माह से नया वित्तीय वर्ष शुरू हुए लगभग चार माह बीत चुके हैं, लेकिन विभाग को लक्ष्य नहीं मिलने से नए आवास स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में गरीब और निम्न आय वाले परिवार आवास से वंचित हैं।
कार्यालयों के चक्कर काट रहे ग्रामीण
गौरतबल है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली बड़ी आबादी अभी भी कच्चे मकानों में रहने को मजबूर हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की बात करें तो अभी भी अनकों पात्र ग्रामीण ग्राम पंचायतों से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक के चक्कर काट रहे हैं, वहीं दूसरी और जिम्मेदारों पर आरोप यह भी हैं कि अनेकों अपात्रों को योजना का लाभ दिया जा चुका है।
78 हजार परिवार सर्वे सूची में शामिल
आवास का लाभ पाने के लिए लोग आवेदन कर रहे हैं, लेकिन बताया यह जा रहा है कि सर्वे सूची में शामिल नामों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। आर्थिक जातिगत जनगणना सर्वे 2011 सूची के बाद आवास प्लस सर्वे में 53 हजार परिवारों को शामिल किया गया है, वहीं मुख्यमंत्री जन आवास योजना सर्वे जो 25 हजार परिवार के नाम जोड़े गए। इस प्रकार कुल 78 हजार परिवार सर्वे सूची में शामिल हैं, जिनको आवास योजना में लाभ मिलेगा। सर्वे सूची से बाहर के नामों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
हितग्राही ज्यादा, स्वीकृतियां कम
पिछले वित्तीय वर्ष में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में जिले को 15 हजार आवास निर्माण कराने का लक्ष्य स्वीकृत हुआ था, जबकि सर्वे सूची में 78 हजार हितग्राही शामिल हैं, वहीं आए दिन हितग्राही कलेक्ट्रेट पहुंचकर मांग कर रहे हैं कि उन्हें आवास योजना का लाभ दिलाया जाए। हालात यह है कि जिले में हितग्राही ज्यादा हैं, लक्ष्य स्वीकृत कम हो पा रहे हैं। इस कारण से पात्र हितग्राहियों का योजना का लाभ लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
एक नजर में आवास योजना
वर्ष 2016 में योजना की शुरुआत हुई थी तब से लेकर अभी तक 53 हजार 495 आवास जिले के प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 49 हजार 285 पूर्ण हो चुके हैं। 4 हजार 237 अभी अपूर्ण हैं। योजना के तहत आष्टा में 16 हजार 347 आवास, बुदनी चार हजार, इछावर में 10 हजार, भैरुंदा में एक हजार, सीहोर में 8 हजार आवास अभी तक प्राप्त हुए हैं।
जल्द ही योजना में नया बजट मिलने वाला है, सर्वे सूची में जो नाम हैं, उन्हें ही ये आवास मिलेंगे। केन्द्र सरकार के पोर्टल में आवास सिलेक्ट होते हैं, नए नाम हम नहीं जोड़ सकते हैं। -आशीष तिवारी, सीईओ, जिला पंचायत
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