इंदौर। जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। प्रतिदिन करीब 10 नए केस आ रहे हैं, जिसने स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ा दी है। विभाग द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का भी कोई खास असर नजर नहीं आ रहा है। 10 वर्ष पहले 2013 में डेंगू का एक भी मरीज नहीं था, लेकिन इस वर्ष अभी तक 312 मरीज मिल चुके हैं।
बात करें इससे बचाव की व्यवस्था की तो 40 लाख जनसंख्या को डेंगू से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास सिर्फ 65 कर्मचारी हैं। इन कर्मचारियों की संख्या भी हर वर्ष कम होती जा रही है, क्योंकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की जगह नई भर्ती नहीं हो रही है। ऐसे में डेंगू से शहर कैसे बचेगा, यह बड़ा सवाल है। हालांकि, स्वास्थ्य कर्मी प्रतिदिन करीब 300 स्थानों पर जाकर लार्वा का सर्वे अभी कर रहे हैं।
अगस्त से शुरू होता है डेंगू का प्रकोप
डेंगू का प्रकोप अगस्त में शुरू हो जाता है। पिछले वर्ष 2022 में अगस्त माह में डेंगू के 24 मरीज ही मिले थे, वहीं इस इस वर्ष अगस्त में 43 मिले हैं। सितंबर 2022 में 30 मरीज मिले थे, इस वर्ष सितंबर में 136 मरीज मिले हैं।
घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें
डेंगू से बचाव के लिए टीम घर-घर जाकर सर्वे कर रही है। जहां लार्वा पाया जाता है, उसे नष्ट कर देते हैं। लोगों से अपील भी की जा रही है कि घर और घर के आसपास पानी एकत्रित न होने दें। जिस क्षेत्र में डेंगू के मरीज मिलते हैं, वहां हमारी टीम ज्यादा ध्यान दे रही है। – डा. दौलत पटेल, जिला मलेरिया अधिकारी
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