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एटीएम में रुपये निकालने वाले की पहचान में जुटी साइबर क्राइम

भोपाल। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के कस्टमर के खाते से पैसे निकालने के लिए दिल्ली के चाणक्यपुरी, नेहरु प्लेस, पार्लियामेंट हाउस के पास बने एटीएम का इस्तेमाल किया गया है। साइबर हैकर्स ने डार्कबैव के जरिए ग्राहकों की निजी जानकारियां खरीदकर इस ठगी को अंजाम देने की शुरुआत की। साइबर क्राइम को फुटेज मिलने पर उनकी पहचान में जुटी है। साइबर क्राइम की दुनिया में इसे सलामी अटैक कहते हैं जिसमें किसी बैंक के बहुत सारे ग्राहकों के अकाउंट से छोटी छोटी राशि निकाल ली जाती है। बीओबी के परेशान ग्राहकों में भोपाल के बाद सागर एवं इंदौर के ग्राहक भी शामिल हो चुके हैं। भोपाल में ऐसे ग्राहकों की संख्या 45 हो चुकी है जिनके खातों से लगभग 7 लाख रुपए निकल चुके हैं। डीसीपी श्रुतकीर्ती सोमवंशी ने बताया कि दो दिन में भोपाल साइबर क्राइम पुलिस के 5 ईमेल का बैंक प्रबंधन ने अब तक जवाब नहीं दिया है। पुलिस ने उनसे उन लोकेशन के फुटेज मांगे हैं, जहां से पैसे निकाले गए हैं।

क्लोनिंग नहीं हुई है, सर्वर से वारदात

मौखिक रूप से बैंक ने भोपाल पुलिस को बताया है कि हमारे एटीएम कार्ड में चिप लगी है, जिसकी क्लोनिंग करना मुमकिन नहीं है। अब पुलिस के लिए बड़ा सवाल ये है कि यदि कार्ड में चिप लगी है तो ओटीपी क्यों नहीं आया। यानी कस्टमर्स का डेटा चोरी हुआ है। डीसीपी क्राइम इंदौर निमिष अग्रवाल का कहना है कि हमारे पास आई शिकायत में फरियादी इंदौर के ही हैं। उन्हें भी न कोई ओटीपी आया और न वे एटीएम बूथ में गए। फिर भी खाते से 42 हजार रुपए निकल गए। ऐसी शिकायतें सागर जिले में भी सामने आई हैं।

स्टेट साइबर सेल भी सक्रिय

जालसाजों का दायरा बढ़ता देख स्टेट सायबर सेल भी मामले की जांच में एक्शन में आ गया है। एडीजी सायबर योगेश देशमुख का कहना है कि भोपाल पुलिस से पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मांगी जा रही है। अब तक की जानकारी के आधार पर लगता है कि ये कोई नेशनल गैंग भी हो सकती है। इसलिए स्टेट सायबर सेल भी इस मामले की जांच में भोपाल पुलिस की मदद करेगी।

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