कोरबा । पिछले 11 दिनों से हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्य कर्मियों पर राज्य सरकार ने सख्ती बरतते हुए एफआइआर दर्ज करानें की कार्रवाई शुरू कर दी है। जिले के 337 कर्मचारी इस कार्रवाई की चपेट में आ सकते हैं। खंड चिकित्सा अधिकारियों को संबंधित थानों में एस्मा एक्ट के प्रविधानों के अनुसार रिपोर्ट दर्ज कराने कहा गया है। बर्खास्त करने नोटिस प्रशासन के इस कदम से हड़ताली कर्मचारियो में हड़कंप मच गया है।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन एवं छत्तीसगढ़ इन सर्विस डाक्टर एसोसिएशन संघ के तत्वावधान में जिला मेडिकल कालेज अस्पताल, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के 337 कर्मचारी 21 अगस्त से हड़ताल पर हैं। वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर काम बंद कर हड़ताल पर चले जाने से चिकित्सा सुविधा चरमरा गई है। इसका सर्वाधिक असर ग्रामीण क्षेत्राें में के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पड़ा है। अनिश्चितकालीन हड़ताल में गए समस्त अधिकारियों कर्मचारियों को एस्मा एक्ट के अंतर्गत तत्काल हड़ताल समाप्त कर अपनी सेवाएं देने के लिए पूर्व में नोटिस जारी किया गया है।
हड़ताल पर गए कर्मचारियों में चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग संवर्ग, पर्यवेक्षक, स्वास्थ्य संयोजक, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल हैं। इसके पहले राज्य भर के संविदा स्वास्थ्य कर्मी काम बंद हड़ताल पर चले गए थे उस वक्त 11 जुलाई को सरकार ने एस्मा लागू कर दिया था। शुक्रवार को कलेक्टर सौरभ कुमार ने सीएमएचओ डा. एसएन केसरी को कार्य पर उपस्थित नहीं होने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। एस्मा एक्ट के तहत जारी नोटिस के बाद भी स्वास्थ्य कर्मी ड्यूटी पर वापस नहीं लौटे। अब उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है।
कलेक्टर के निर्देश के परिपालन में सीएमएचओ व सभी बीएमओ को अपने विकासखंड के अस्पतालाें में काम पर नहीं आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ संबंधित थाने में एस्मा एक्ट 7 (1) के तहत एफआइआर दर्ज कराने कहा है। वहीं कर्मचारियाें को बर्खास्त करने की भी नोटिस जारी की जा रही है।
एफआइआर करें या जेल भेज दें, नहीं लौटेंगे काम पर
संगठन के जिला अध्यक्ष पन्ना लाल पटेल का कहना है कि कि हमारी मांगे जायज है। जब तक मांगें पूरी नहीं होगी हम काम पर वापस नहीं लौटेंगे। चाहे सरकार हमारे खिलाफ एफआइआर दर्ज कराए या फिर गिरफ्तार कर जेल भेज दे। हम आर-पार की लड़ाई लड़ रहे। प्रविधान के विपरीत प्रशासन दमनात्मक कार्रवाई कर रही है।
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