ग्वालियर। आबादी को वोटर कार्ड बनाने के लिए इस बार भी चुनौती रहेगी। पिछले छह माह में ग्वालियर के ईपी रेशियो में .20 प्रतिशत की वृद्वि हुई है। राज्य के प्रतिशत से हम आगे जरूर हैं लेकिन अभी भी स्वीप को बड़ी कार्ययोजना तैयार करना होगी। मतदाताओं को जोड़ने के क्रम में बीएलओ स्तर पर तो कवायद चल ही रही है लेकिन लोग मतदाता सूची में नाम ही जुड़वाने नहीं आएंगे तो जोड़ना मुश्किल होगा। इस बार जिला निर्वाचन के अधिकारियों के लिए वह क्षेत्र लक्ष्य पर होंगे जहां पिछली विधानसभा चुनाव में न के बराबर मतदान या कम मतदान हुआ था। ऐसे कम मतदान प्रतिशत वाले पोलिंग बूथों के आंकड़ों का विश्लेषण अधिकारियों ने शुरू कर विशेष रणनीति बनाई है।
कम मतदान वाली बस्तियों पर फोकस
जिन मतदान केन्द्रों में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान का प्रतिशत अत्यधिक कम रहा है, उन मतदान केन्द्रों से जुड़ी बस्तियों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाएं। सर्वेक्षण के माध्यम से कम मतदान प्रतिशत के लिए जो कारण सामने आए हैं उनका निवारण अभियान बतौर किया जाए। इस आशय के निर्देश कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने स्वीप (सिस्टमेटिक वोटर्स एज्युकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारियों को दिए। बैठक में बताया गया कि जिले के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के ऐसे मतदान केन्द्रों का विशेष अध्ययन किया गया है, जहां पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत अत्यधिक कम रहा है, साथ ही महिला व पुरूष मतदाताओं द्वारा किए गए मतदान में बहुत बड़ा अंतर है। इनके कारण भी खोजे गए हैं। इसके आधार पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिये विशेष रणनीति बनाई गई है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस रणनीति के तहत कार्य करने के निर्देश दिए।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.