रतलाम। कालिका माता मंदिर परिसर स्थित झाली तालाब में डूबने से एक फल विक्रेता की मौत हो गई। तालाब से बाहर निकालने के दौरान उसकी सांसें चल रही थी, लेकिन समय एम्बुलेंस नहीं पहुंची। इस पर उसे ऑटो से जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। यदि समय पर एम्बुलेंस मिल जाती तो उसे समय पर इलाज मिल सकता था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार महमूद खान शुक्रवार दोपहर करीब 12 पौने बारह बजे तालाब की पाल पर बैठे हुए थे। कुछ देर बाद वे तालाब में गिर गए। लोगों ने शोर मचाया तो क्षेत्र में ही एक होटल पर चाय पीने आए एसडीआरएफ के जवान मदनलाल गुर्जर तालाब में कूदे और महमूद को बाहर निकाला। इस दौरान उनकी सांसे चल रही थी। सूचना देने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आने पर आटो से मेहमूद खान को जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
कुछ देर बाद मेहमूद के दामाद शाहरूख, पुत्र जावेद व अन्य लोग जिला अस्पताल पहुंचे। शाहरूख ने बताया कि महमूद के एक पैर में कुछ दिन से तकलीफ हो रही थी। वे तालाब पर कैसे पहुंचे, पता नहीं चला।
मेरी एंबुलेंस नहीं आएंगी
मदनलाल गुर्जर ने बताया कि जब महमूद को बाहर निकाला गया तो वे जीवित थे। 108 एंबुलेंस सेवा पर फोन किया तो दस मिनट तक फोन काल होल्ड पर रखा गया। इसके बाद एक व्यक्ति ने काल अटैंड किया और कहा कि मेरी गाड़ी (एम्बुलेंस) नहीं आएगी, खराब है। इसके बाद वे आसपास खड़े लोगों की मदद से महमूद को एक आटो से अस्पताल ले गए। पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम कराकर शव स्वजन को सौंप दिया गया है। जांच की जा रही है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.