Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के फैसले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डब्ल्यूओएस ने किया शक्ति उत्सव आयोज। विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बजट लाईव। भारतीय नौसेना का जहाज कुठार श्रीलंका के कोलंबो पहुंचा। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान प्राण, केंद्रीय कृषि मंत्री। इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से संरक्षणवाद को छोड़कर उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया,पीय... PM Modi ने बागेश्वर धाम की पर्ची निकाल दीं, धीरेंद्र शास्त्री बोले। विधान सभा बजट सत्र 2025-26 का चौथा दिन। मात्र 250 रुपए जमा करने पर आपको मिलेगा 78 लाख रुपए तक! CM योगी ने विधानसभा में शिवपाल यादव पर कसा तंज।

दिग्विजय सिंह ने परियोजना के टेंडर में गड़बड़ी का लगाया आरोप, वित्त मंत्री और अधिकारियों पर केस दर्ज करने की मांग

भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने वित्त विभाग के एकीकृत वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली परियोजना के टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के महानिदेशक को पत्र लिखकर करोड़ों रुपये के इस मामले में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी और ज्ञानेश्वर पाटिल की भूमिका संदिग्ध बताते हुए प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।

प्रकोष्ठ के महानिदेशक अजय शर्मा का कहना है कि कार्यालय में देर शाम तक शिकायत प्राप्त नहीं हुई। उधर, वित्त मंत्री और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आरोपों पर अपना पक्ष रखने के लिए न तो दूरभाष पर उपलब्ध हुए और न ही एसएमएस का जवाब दिया।

टेंडर में मनमानी शर्तें डालने का आरोप

दिग्विजय सिंह ने शिकायत में कहा कि मुझे एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें एकीकृत वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली परियोजना का काम एक फर्म को देने के लिए विधानसभा चुनाव घोषित होने के कुछ दिन पहले टेंडर में मनमानी शर्तें डालने का आरोप लगाया है। इसके अनुसार पहले यह टेंडर 200 करोड़ रुपये का था, जिसे बढ़ाकर 247 करोड़ रुपये कर दिया गया।

आचार संहिता लगने के कुछ दिन पूर्व गुड़गांव की कंपनी को कार्यादेश दिया गया, जो बाद में हैदराबाद की एक कंपनी को सबलेट कर दिया। टेंडर की शर्तो को ऐसा बनाया गया ताकि दूसरी कंपनियां भाग ही न ले सकें। इस पूरे मामले में विभाग के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। अधिकारियों और कंपनी के प्रतिनिधियों के बीच हुई चर्चा की आडियो रिकार्डिंग भी है।

प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग

सिंह ने मांग की कि शिकायत में दिए गए तथ्य बड़े घोटाले को स्पष्ट करते हैं। दस्तावेजों एवं आडियो के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाए। इस पर जब वित्त मंत्री सहित विभाग के अधिकारियों का पक्ष लेने का प्रयास किया गया तो कोई भी न तो फोन पर उपलब्ध हुआ और न ही एसएमएस का जवाब दिया। वित्त मंत्री के विशेष सहायक दिलीप राज द्विवेदी ने बताया कि मंत्री जी उपलब्ध नहीं हैं। अभी बात नहीं हो पाएगी।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.