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नकल रोकने के लिए डीईटी में पहली बार बदली व्यवस्था, थंब-फेस इंप्रेशन जरूरी

इंदौर। प्रतियोगी परीक्षाओं में बढ़ते नकल प्रकरण को देखते हुए एमपी आनलाइन ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की डाक्टरल एंट्रेंस टेस्ट (डीईटी) में व्यवस्था बदली है। पहली बार परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवारों को कई प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था से गुजरना होगा।

परीक्षा में सम्मिलित होने वाले उम्मीदवारों के चेहरे और अंगूठे का मिलान किया जाएगा। इसके लिए इन्हें अपने साथ आधार कार्ड रखना जरूरी है। ये सारी प्रक्रिया में कम से कम एक घंटा लगेंगे। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय और एजेंसी ने दो घंटे पहले परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने की हिदायत दी है। मामले में गाइडलाइन जारी की गई है।

38 संकाय की 669 सीटों के लिए डीईटी रखी है, जिसमें 3400 उम्मीदवारों ने पंजीयन करवाए है। आनलाइन परीक्षा और उम्मीदवारों की संख्या को देखते हुए तीन सत्र में परीक्षा होगी। जहां इन्हें को पेपर शुरू होने से दो घंटे पहले परीक्षा केंद्रों पर पहुंचना होगा। केंद्रों पर तीन जगह विद्यार्थियों की चेकिंग की जाएगी, जिसमें पहले स्थान पर एडमिट कार्ड और आधार कार्ड देखा जाएगा।

फोटो आईडी रखना जरूरी

साथ ही नकल सामग्री को लेकर भी तलाशी ली जाएगी। इसके बाद फोटो आइडी के आधार पर उम्मीदवारों का फेस इंप्रेशन लिया जाएगा। चेहरे का मिलान होने के बाद प्रत्येक उम्मीदवारों के अंगूठे का निशान लेंगे। आधार कार्ड से उम्मीदवार के थंब इंप्रेशन देखेंगे। प्रक्रिया में घंटेभर का समय लगेगा। ये सारी प्रक्रिया होने के बाद उम्मीदवारों को परीक्षा हाल में सीट आवंटित की जाएगी। यहां तक कि लागिन आइडी और पासवर्क दिया जाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक, सुबह 8.30 से 10.30 वाले सत्र में 1500 उम्मीदवार शामिल होंगे। इसके लिए चार से पांच केंद्रों पर परीक्षा होगी। बाकी दोनों सत्र के लिए दो-दो केंद्र रखे जाएंगे। डीईटी प्रभारी डा. अशेष तिवारी का कहना है कि परीक्षा केंद्रों पर सारी व्यवस्थाएं एजेंसी की तरफ से रहेगी। मगर विश्वविद्यालय की तरफ से आर्ब्जवर की टीम भी जाएगी। इन पर नकल रोकने की जिम्मेदारी होगी।

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