भोपाल। नगर निगम परिषद की सातवीं बैठक का आयोजन सोमवार को आइएसबीटी स्थित सभागार में किया जाएगा। इस बैठक में हमीदिया रोड का नाम गुरुनानक करने समेत अन्य कालोनियों के नामकरण प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इधर परिषद बैठक के एजेंडे में जनहित के मामले शामिल नहीं होने पर कांग्रेस पार्षद दल सत्तापक्ष पर आक्रामक हैं। निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार व वार्डों में विकास कार्यों को लेकर कांग्रेस पार्षद दल शहर सरकार का घेराव करेंगे।
विपक्ष का आरोप, विकास के नाम पर सिर्फ नाम बदलने का एजेंडा
नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने बताया कि कहा कि जबसे नगर निगम में परिषद बनी है। तब से अब तक छह बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन एक भी जनहित को लेकर प्रस्ताव नहीं लाया गया। जबकि हर बार विकास के नाम पर केवल नामकरण के प्रस्ताव एजेंडे में शामिल होते हैं। इनमें चर्चा और बहुमत के बाद पारित कर दिया जाता है। लेकिन सड़क और कालोनियों के नाम बदलने से जनता का क्या हित होगा। वर्षा के बाद सड़कें उखड़ी हैं, लोग इनमें चलकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। इधर पीने का स्वच्छ पानी और शहर में सफाई को लेकर भी जनता परेशान है। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि कांग्रेस पार्षद दल परिषद बैठक में चर्चा के लिए जनहित से जुड़े प्रस्ताव भी देता है, तो उसे एजेंडे में शामिल नहीं किया जाता।
अधिकारियों से वसूलें 125 करोड़ रुपये जुर्माना
कांग्रेस पार्षद गुड्डू चौहान ने बताया कि नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही से अब एनजीटी 125 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुका है। इसके जनता की कमाई से भरने की व्यवस्था की जा रही है। जबकि कांग्रेस पार्षदों की मांग है, कि यह पैसा उन अधिकारियों से वसूल किया जाए, जिनकी लापरवाही की वजह से जुर्माना भुगतना पड़ रहा है। इधर संबंल घोटाले में भी इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों से वसूली की मांग हो रही है। इस पर भी विपक्ष परिषद में हंगामा कर सकता है।
बैठक में इन प्रस्तावों पर होगी चर्चा
70 वर्ष पुराने भोपाल टाकीज चौराहे से अल्पना टाकीज तिराहे तक हमीदिया रोड का नाम परिवर्तित कर ‘गुरुनानक मार्ग’, कोकता ट्रांसपोर्ट नगर में प्रधानमंत्री आवासीय परिसर का नाम पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर के नाम पर ‘बाबूलाल गौर आवासीय परिसर’ करने, मालीखेड़ी प्रधानमंत्री आवासीय परिसर का नाम पूर्व विधायक स्व. गौरीशंकर कौशल के नाम पर ‘गौरीशंकर कौशल आवासीय परिसर’ करने के साथ ही मालीखेड़ी दशहरा मैदान का नाम पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर के नाम पर ‘बाबूलाल गौर दशहरा मैदान’ करने का प्रस्ताव आएगा।
इन मुद्दों पर चर्चा चाहता है विपक्ष
– शहर में जलापूर्ति की क्या व्यवस्था है और शुद्धता का क्या मामपदंड है।
-पार्षदों की पार्षद निधि को फाइलों में अब तक बजट बुक नहीं किया गया है। जिन फाइलों को बजट बुक में किया भी गया है तो वे टेंडर कमेटी में पड़ी है। जिन फाइलों में टेंडर हो चुके हैं, उनके वर्क आर्डर जारी नहीं किए गए हैं। जानबुझकर धीमी गति से छोटे-छोटे विकास कार्यों की प्रक्रिया की जा रही है। यह जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन है।
-निगम के छोटे-छोटे ठेकेदारों का पेमेंट नहीं हो रहा है। इससे पार्षद निधि के कार्य प्रभावित हो रहे हैं और वार्ड स्तर के विकास कार्य भी रूके हुए हैं। दूसरी ओर बड़े ठेकेदारों का पेमेंट किया जा रहा है।
-शहर के कई इलाकों में एलईडी लाइट एक महीने में ही खराब हो गई है। कई स्थानों पर रात में स्ट्रीट लाइटें नहीं जलती। एलईडी लाइट की गारंटी एवं नियम-शर्तें, सप्लायर द्वारा क्या अनुबंध किए गए थे, उस आधार पर क्या कार्रवाई हुई आदि को लेकर सदन में चर्चा की जाए।
इनका कहना
निगम परिषद की बैठक शहर के विकास और जनता को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं पर चर्चा के लिए बुलाई जाती है। लेकिन इसमें नामकरण के अलावा कुछ नहीं हो रहा है। इससे जनता को फायदा नहीं मिल पा रहा है। मूलभूत सुविधाओं के लिए जनता परेशान है।
– शबिस्ता जकी, नेता प्रतिपक्ष
शहर में जनहित को लेकर नगर निगम निरंतर काम कर रहा है। जनता को पानी, सड़क और सफाई समेत अन्य कोई परेशानी है, तो इसके लिए जनप्रतिनिधियों के नंबर सार्वजनिक हैं। इस पर शिकायत की जा सकती है। वहीं निगम के कालसेंटर में प्राप्त शिकायतों का भी समाधान हो रहा है।
– किशन सूर्यवंशी, अध्यक्ष, नगर निगम
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