Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डब्ल्यूओएस ने किया शक्ति उत्सव आयोज। विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बजट लाईव। भारतीय नौसेना का जहाज कुठार श्रीलंका के कोलंबो पहुंचा। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान प्राण, केंद्रीय कृषि मंत्री। इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से संरक्षणवाद को छोड़कर उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया,पीय... PM Modi ने बागेश्वर धाम की पर्ची निकाल दीं, धीरेंद्र शास्त्री बोले। विधान सभा बजट सत्र 2025-26 का चौथा दिन। मात्र 250 रुपए जमा करने पर आपको मिलेगा 78 लाख रुपए तक! CM योगी ने विधानसभा में शिवपाल यादव पर कसा तंज। देश की पहली दुनिया की 5वीं नाइट सफारी विकसित हो रही, प्रदेश वासियों को नाइट सफारी की मिलेगी सौगात,जा...

भाद्रपद पूर्णिमा पर बनेंगे 4 दुर्लभ योग, 29 सितंबर को जरूर करें ये काम

हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष धार्मिक महत्व है। इसमें भादो पूर्णिमा का काफी शुभ माना जाता है और इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, भादो मास की पूर्णिमा से ही पितृपक्ष की शुरुआत होती है और इस साल 29 सितंबर को भादो पूर्णिमा है और इस दिन कई शुभ संयोग निर्मित हो रहे हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, 28 सितंबर शाम 6:49 बजे भादो पूर्णिमा शुरू होगी और 29 सितंबर को दोपहर 3:26 बजे भादो पूर्णिमा का समापन होगा। चंद्रोदय का समय शाम 6:18 बजे है और इस कारण से भादो पूर्णिमा 29 सितंबर को मनाई जाएगी।

भादो पूर्णिमा पर बनेंगे ये शुभ संयोग

पंचांग के मुताबिक, भादो पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग, वृद्धि योग, ध्रुव योग और अमृत सीधी योग का निर्माण भी हो रहा है। इस दौरान कुछ उपायों को करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

भादो पूर्णिमा पर करें ये उपाय

  • पौराणिक मान्यता है कि भादो पूर्णिमा पर दान-पुण्य करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन करने से अपार सुख की प्राप्ति होती है। मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • भादो पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी को लाल रंग के फूल और इत्र अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से धन की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख समृद्धि आती है।
  • भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भक्तों को अपने मस्तक पर पूजा के बाद सफेद चंदन का टीका लगाना चाहिए। इससे मानसिक तनाव दूर होता है।
  • भादो पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ की पूजा करना चाहिए और तांबे के पात्र से जल अर्पित करना चाहिए। इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। पितर भी प्रसन्न होते हैं।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.