भोपाल। झारखंड के पास कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मानसून द्रोणिका भी मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। इन दो मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश के अधिकांश हिस्से में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। राजधानी भोपाल में भी रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक भोपाल में पिछले चौबीस घंटों के दौरान शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 69.4 मिमी (ढाई इंच से अधिक) बारिश दर्ज की गई। वहीं गुरुवार को सुबह साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे तक 17 मिमी बारिश हुई थी। यानी भोपाल में 15 घंटे में दो इंच से ज्यादा बारिश हुई। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को शहडोल, सागर, जबलपुर संभागों में अधिकांश स्थानों पर और रीवा, भोपाल व नर्मदापुरम संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर तेज वर्षा हो सकती है। शेष संभागों के जिलों में भी गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं। राजधानी भोपाल में भी बारिश का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है।
ये वेदर सिस्टम सक्रिय
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि झारखंड के पास बना कम दबाव का क्षेत्र बिहार की तरफ बढ़ रहा है। मानसून द्रोणिका भी मप्र से होकर गुजर रही है। वातावरण में नमी आने के कारण मध्य प्रदेश में मानसून की गतिविधियां फिर बढ़ने लगी हैं। अगले दो-तीन दिन तक प्रदेश के अधिकांश हिस्से में मानसून मेहरबान रहेगा।
अगस्त में सूखे की सितंबर में भरपाई
मानसून के हिसाब से अगस्त माह सूखा ही गुजरा था, लेकिन सितंबर के शुरुआती हफ्ते से शुरू हुए बारिश के सिलसिले ने काफी हद तक भरपाई कर दी है। इससे किसानों के चेहरे खिलने लगे हैं, साथ ही जलाशयों का जलस्तर भी बढ़ा है। हालांकि इस सीजन में एक जून से लेकर गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मध्य प्रदेश में कुल 910.2 मिमी. वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा (922.6 मिमी.) की तुलना में अब भी एक प्रतिशत कम है।
भोपाल में अब तक 862.9 मिमी बारिश
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक भोपाल में इस सीजन में एक जून से लेकर 22 सितंबर सुबह साढ़े आठ बजे तक 862.9 मिमी वर्षा हो चुकी है।
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