राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक दीपक का बचपन से भारतीय सेना में भर्ती होकर देशसेवा करने का सपना था। लेह लद्दाख में कम तापमान के चलते गुरुवार को तबीयत बिगड़ने पर उन्हें सैनिक अस्पताल में भर्ती किया गया था, किंतु उनकी जान नही बचाई जा सकी। इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर वह शुजालपुर में ही थे।
इसी वर्ष नवंबर माह में उनकी सेना में सेवा पूरी होने वाली थी। सेवा पूरी होने के बाद परिवार के साथ समय बिताने के साथ ही उन्होंने और भी कई सपने संजो रखे थे। बलिदानी दीपक चौधरी की क्रमश: आठ और चार वर्षीय दो बेटियां हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी परिवार के मुखिया का फर्ज निभाते हुए दीपक के पिता तेज प्रकाश चौधरी सबको ढांढस बंधाते दिखे।
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