भोपाल। मुख्यमंत्री शहरी अधो-संरचना विकास योजना के चौथे चरण में 413 निकायों को सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की गई है। समस्त निकायों के लिए कुल 1193 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि इस राशि से सड़क निर्माण, शहरी यातायात सुधार, नगरीय सौंदर्यीकरण, सामाजिक एवं खेल अधोसंरचनाएं, उद्यान विकास से जुडे कार्यों के साथ ही निकाय के कार्यालय भवन निर्माण और उन्नयन के कार्य किए जाएंगे। मुख्यमंत्री शहरी अधो-संरचना विकास योजना का चौथा चरण दो वित्तीय वर्षों के लिए लागू रहेगा।
योजना में पात्रता अनुसार निर्माण कार्यों के प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही प्रस्तावित कार्य स्थल के स्वामित्व एवं आधिपत्य का प्रमाण निकाय को देना होगा। निर्देशित किया गया है कि प्रस्तावित कार्यों की डिजाइन शासकीय इंजीनियरिंग पालिटेक्निक कालेज से अनुमोदन कराकर ही निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। निविदा के बाद डिजाइन कराया जाना मान्य नहीं होगा।
योजना के उचित क्रियान्वयन के लिए नगर पालिक निगम परिषद, नगर पालिका परिषद या नगर परषिद के अधिकारों का उपयोग मेयर इन काउंसिल अथवा प्रेसिडेंट इन काउंसिल द्वारा किया जा सकेगा। निर्माण कार्यों की सतत निगरानी के भी निर्देश दिए गए हैं।
नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों की पात्रता की निर्धारित
योजना में नगरीय निकायों की पात्रता भी निर्धारित की गई है। नगर निगम भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर को 25 करोड़, उज्जैन को 15 करोड़, शेष 11 नगरपालिक निगमों को आठ-आठ करोड़ रुपये की पात्रता निर्धारित की गई है। नगर पालिका परिषदों में एक लाख से अधिक आबादी के 17 निकायों को छह-छह करोड़ रुपये और एक लाख तक की आबादी के 82 निकायों को पांच-पांच करोड़ रुपये की पात्रता है। इसी तरह नगर परिषदों में 25 हजार से अधिक आबादी में 21 निगमों को तीन-तीन करोड़ और 25 हजार से कम आबादी के 277 निकायों को डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये की पात्रता निर्धारित की गई है।
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