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स्मार्ट सिटी की तोड़-फोड़ और नाला टेंपिंग में घोटाला, कांग्रेस सरकार बनी तो होगी जांच

इंदौर। चुनावी मौसम में कांग्रेस ने शिवराज सरकार के साथ भाजपा की निगम परिषद को भी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की। कर्नाटक की तर्ज पर नारा बुलंद करते हुए कांग्रेस ने कमीशनखोरी का आरोप प्रदेश सरकार और नगर निगम परिषद पर लगाया है। गुरुवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता चरणजीत सपरा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश में तो 18 वर्ष से भाजपा की सरकार है, लेकिन इंदौर में 21 वर्ष से नगर निगम भाजपा की है।

प्रदेश के साथ इंदौर में तमाम विकास योजनाओं में 50 प्रतिशत तक कमीशन लेकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। कांग्रेस की सरकार बनी तो स्मार्ट सिटी के नाम पर तोड़फोड़ से लेकर कान्ह नदी के शुद्धीकरण, नाला टेपिंग प्रोजेक्ट तक के भ्रष्टाचार की जांच कराई जाएगी।
सपरा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि शिवराज ने 18 साल में प्रदेश का बंटाढार किया है। हर चुनाव में विकास के नाम पर वोट और सत्ता पाने वाली भाजपा आज कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर खुलकर जवाब क्यों नहीं देती? इंदौर में निरंतर भाजपा की परिषद होने के बाद भी इंदौर के लाखों नागरिक आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।

मास्टर प्लान अधूरे या असफल साबित हुए

शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्डा, कार्यवाहक अध्यक्ष विशाल गोलू अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा की वादाखिलाफी और बदनीयती के कारण स्मार्ट सिटी, अमृत प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री आवास योजना, नाला टेपिंग, मास्टर प्लान अधूरे या असफल साबित हुए हैं। सड़कों पर चलना दूभर होता जा रहा है। मार्गों के विकास के नाम पर करोड़ों रुपये की धनराशि खर्च करने के बाद भी यातायात समस्या का स्थायी हल इंदौर के नागरिकों को नहीं मिला है।

त्योहार के दौरान इंदौर में प्रमुख बाजारों को ‘नो-व्हीकल जोन’ घोषित किया जाता रहा है। संपूर्ण शहर में पार्किंग की समस्या को भाजपा 21 वर्ष में भी हल नहीं कर पाई है। सरस्वती तथा कान्ह नदी के शुद्धीकरण के लिए ड्रेनेज के आउटफाल को रोकने के लिए नाला टेपिंग में अरबों रुपये खर्च किए गए। इसके बाद पूरे शहर में बरसात में पानी भरने लगा है। इस बारे में शिकायतों के बाद भी आज तक जांच शुरू नहीं हुई। पटेल नगर की पुरानी बावड़ी हादसे के लिए भी कांग्रेस ने भाजपा के भ्रष्टाचार को जिम्मेदार बताया।

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