ग्वालियर (नप्र)। शहर में श्वान किस हद तक आतंक मचाए हुए हैं, इस बात को शुक्रवार को हजार बिस्तर अस्पताल के डाग बाइट टीकाकारण कक्ष में देखा जा सकता था। हर पांच मिनट में वहां श्वान के हमले के बाद घायल हुआ एक मरीज पहुंचा है। यानि हर एक घंटे में 12 और पूरे समय में लगभग 60 मरीज ऐसे पहुंचे जिन्हें आवारा श्वानों ने हमला कर घायल कर दिया। लेकिन वहां भी लापरवाही का आलम देखिए कि लगातार बढ़ रहे डाग बाइट के मामलो के बाद भी पिछले सात दिनों से हजार बिस्तर अस्पताल में डाग बाइट के केस में लगाए जाने वाला इंजेक्शन इम्यूनोग्लोबुलीन का स्टोक खत्म हो चुका है। ऐसे में दवा न होने से मरीजों को सही समय पर टीका नहीं लग पा रहा, जो मरीजों के लिए काफी परेशानी पैदा कर सकता है। उस पर भी शर्मिंदा करने वाली बात यह है कि नगर निगम के अधिकारी और अमला भी इस मामले में पिछले दो महीने से चुप्पी साधे हुए है। एबीसी सेंटर के बंद होने से पिछले दो महीने से श्वानों को न तो पकड़ा जा रहा है और न ही उनके बर्थ कंट्रोल को लेकर कोई काम हो रहा है। श्वानों की तादाद बढ़ने के साथ ही वह पहले से ज्यादा हमलावर हो रहे हैं। जब निगम के अधिकारियों से लोगों की समस्या और सेंटर के खोले जाने को लेकर सवाल किए जाएं तो वह बेशर्मी का चोला ओढ़ लेते है और कोई जवाब नहीं दे पाते।
शिकायताें की सुनवाई नही :
शहर भर में डाग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन उसमें भी शहर के वह इलाके जो हाल ही में डेवलप हुए हैं या जहां घनी आबादी कम है वहां लोग श्वानों को लेकर ज्यादा देहशत में हैं। अालम यह है कि चलती सड़क पर एक साथ झुंड में आकर श्वान हमला करते हैं और व्यक्ति को चोटिल कर देते हैं। बता दें कि इसमें सिरोल क्षेत्र, न्यू कलेक्ट्रेट क्षेत्र, माडलटाउन और कलेक्ट्रेट के पीछे के हिस्से में श्वान अधिक हमलावर होते हैं। शहर के कई हिस्सों से डाग बाइट के मामलों की शिकायत लगातार नगर निगम के पास जा रही है लेकिन शिकायत पर कार्यवाही तो दूर यहां सुनवाई भी नहीं है।
इंजक्शन का आर्डर लगा हुआ है, एक दो दिन में अस्पताल में इंजक्शन उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।
-वीरेंद्र वर्मा , सहायक अधीक्षक , जेएएच
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