इंदौर ने वायु गुणवत्ता सूचकांक को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रयास भी किए। इसके तहत जनजागरुकता लाने के लिए चौराहों पर रेड सिग्नल आन, इंजिन आफ अभियान चलाया गया। इसी तरह भवन निर्माण और मकान तोड़ने से निकले मलबे का बेहतर प्रबंधन किया। इसी तरह उद्योगों में कोयले के स्थान पर सीएनजी बायलर के उपयोग, शहरी क्षेत्रों में कोयले और लकड़ी से जलने वाले तंदूर और भट्टियों पर रोक लगाई।
इन मापदंडों को पूरा किया
- कचरा प्रबंधन व कचरा जलाने पर नियंत्रण
- 1179 टन का प्रतिदिन गीला व सूखा कचरा डोर टू डोर वाहनों से एकत्र करके इसकी शत प्रतिशत प्रोसेसिंग की गई
- कचरा जलाने वालों पर जुर्माना की कार्रवाई की
- धूल पर नियंत्रण के लिए विशेष काम किए, सतत पौधारोपण अभियान चलाया
- 28 रोड स्वीपिंग मशीन से 800 किलोमीटर लंबी सड़कों की प्रतिदिन सफाई की व्यवस्था की
- 3500 किमी लंबी सड़कों पर गड्ढों को भरा और डामरीकरण किया।
- ग्रीन बेल्ट विकसित करने पर सतत काम इसके अलावा डिवाइडरों पर पौधारोपण किया
- निर्माणाधीन भवनों पर ग्रीन नेट का उपयोग अनिवार्य किया इससे सड़क पर धूल में कमी आई
- सड़क किनारे मलबा डालने वालों पर सतत चालानी कार्रवाई की
- शहर में ई-वाहनों को बढ़ावा
- सड़क पर वाहनों की संख्या नियंत्रित करने के उद्देश्य से पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए 1377 बसों का संचालन
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