जबलपुर। कैंट बोर्ड चुनाव संबंधी मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई बढ़ गई है। दरसअल, मामले में केन्द्र सरकार की ओर से अपने जवाब में कहा गया है कि कैंट बोर्ड का सिविल एरिया नगरीय निकाय में स्थानांतरित करने का मामला विचाराधीन है। मुख्य न्यायाधीश रवि विजय मलीमठ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने उक्त जवाब के बाद याचिका पर अंतिम सुनवाई के निर्देश दिए हैं। युगल पीठ ने मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में निर्धारित की है।
यह मामला कैंट बोर्ड के निर्वतमान पार्षद अमरचंद बावरिया की ओर से दायर किया गया था। जिसमें कहा गया था कि कैंट बोर्ड की निर्वाचित कार्यकारिणी का कार्यकाल साल 2019 में पूर्ण हो गया था। इसके बाद कार्यकारिणी का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया गया।
आवेदक की ओर से कहा गया कि कैंट बोर्ड के संविधान की धारा-13 में हुए बदलाव के बावजूद भी सिविल मेंबर की नियुक्ति के लिए चुनाव नहीं कराये गये। याचिका में सचिव डिफेंस मंत्रालय, डीजी डिफेंस व प्रिंसिपल डायरेक्टर डिफेंस स्टेट को पक्षकार बनाया गया है।
याचिकाकर्ता ने दिया ये तर्क
सुनवाई दौरान केंद्र सरकार की ओर से उक्त जवाब दिया गया। वहीं याचिकाकर्ता ने रिज्वाइंडर पेश कर कहा कि केंद्र सरकार ने चुनाव कराने नोटिफिकेशन जारी किया था। मतदाता सूची तैयार हो गयी थी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई थी। इसके बाद मार्च 2023 में केन्द्र सरकार द्वारा चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई।
प्रक्रिया में लगेगा समय
डिफेंस मंत्रालय का कहना था कि कैंट बोर्ड के सिविल एरिया को नगरीय निकाय में शामिल किए जाने की प्रक्रिया में काफी समय लगेगा। इस संबंध में रिज्वाइडर के साथ दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आरपी कनौजिया पैरवी कर रहे है।
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