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45 हजार बच्चों को हेपेटाइटिस बी से बचाने जन्म के 24 घंटे के भीतर लगता है टीका

ग्वालियर। 45 हजार बच्चों को हेपेटाइटिस बी से बचाने के लिए जन्म के 24 घंटे के भीतर टीका लगाकर संक्रमण से बचाव का काम डिलीवरी पाइंट पर किया जाता है। मां से बच्चे में होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए यह टीका लगाया जाता है। इसके अलावा डेढ़, ढाई और साढ़े तीन माह में बच्चे को पेंटावेलेंट इंजेक्शन लगाया जाता है। यह हेपेटाइटिस समेत पांच बीमारियों से बच्चों को सुरक्षा देता है। इंजेक्शन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उपलब्ध है।

वैश्विक स्तर पर हेपेटाइटिस को लेकर आम जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाएगा। जिला अस्पताल समेत स्वास्थ्य केन्द्र इसको लेकर तैयार हैं। लेकिन पांच प्रकार के हेपेटाइटिस में से तीन कामन व दो खतरनाक होते हैं। खतरनाक हेपेटाइटिस की श्रेणी में बी और सी आते हैं। चिकित्सक बताते हैं कि बी व सी कैंसर करते हैं, यह स्वयं से ठीक नहीं होते इसलिए इनको ठीक करने के लिए उपचार देना होता है। हेपेटाइटिस की रोकथाम के लिए सरकार हेपेटाइटिस नियंत्रण ाकार्यक्रम चलाती है। जिसके तहत जांच व उपचार नि:शुल्क किया जाता है।

भ्रमित होने की जरूरत नहीं

हेपेटाइटिस को लेकर भ्रमित होने की जरुरत नहीं है यह छूने से नहीं फैलता है। मगर फिर भी सावधानी बरतकर इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। चिकित्सकों की मानें तो कई बार लंबे समय तक, कभी-कभी वर्षों या दशकों तक लक्षण नहीं दिखाई देते हैं और जो लीवर (यकृत) कैंसर का कारण बन जाता है। आज विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाएगा। यह केवल एक दिन ही क्यों हमें हर दिन अन्य सभी बीमारियों के प्रति जागरूक होकर बचाव करना चाहिए।

हेपेटाइटिस बी व सी फैलने का तरीका

एबी व सी

गर्भवती महिला से उसके बच्चे को, असुरक्षित सेक्स, दूषित खून चढ़ाने, इंजेक्शन व नीडल से फैलते हैं। हेपेटाइटिस बी होने पर छह माह इलाज चलता है। वहीं हेपेटाइटिस सी में तीन माह उपचार चलता है। बी व सी के एक प्रतिशत केस में कैंसर होने की संभावना रहती है जिससे मरीज की मौत तक हो जाती है।

हेपेटाइटिस ए

यह दूषित जल व भोजन से होता है। यह कैंसर नहीं करता साथ ही अपने आप चार हफ्ते में ठीक हो जाता है। हेपेटाइटिस ए वायरल संक्रमण है जो लीवर में सूजन और क्षति का कारण बनता है। सूजन वह सूजन है जो तब होती है जब शरीर के ऊतक घायल या संक्रमित हो जाते हैं। सूजन अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है।

हेपेटाइटिस के पांच प्रकार

हेपेटाइटिस के पांच प्रकार होते हैं। इनमें ए, बी, सी कामन हैं। वहीं हेपेटाइटिस डी दुर्लभ बीमारी है। इस वायरस को “डेल्टा हेपेटाइटिस” के नाम से भी जाना जाता है। वहीं हेपेटाइटिस ई गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। सरकारी अस्पताल में हेपेटाइटिस रोग की जांच व उपचार नि:शुल्क होता है।

डा. नीतेश मुदगल, मेडिसिन विशेषज्ञ, जिला अस्पताल

औषधि सेवन व परहेज से बीमारी से बचा जा सकता है

लीवर की सुरक्षा एवं राेग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक हर्बल औषधियों का चयन किया जाता है। विशेषज्ञ के परामर्श से औषधि सेवन व खान पान में परहेज का पालन करने से लीवर व हेपेटाइटिस बी के रोगी की जीवन रक्षा की जा सकती है।

डा.केएल शर्मा, एमडी, आयुर्वेद, आयुर्वेद चिकित्सालय

बच्चों का होता है टीकाकरण

बच्चों को मां से होने वाले संक्रमण से बचाने के लिए जन्म के 24 घंटे के भीतर हेपेटाइटिस बी का टीका लगाया जाता है। इसके साथ ही डेढ़, ढाई और साढ़े तीन माह में बच्चे को पेंटावेलेंट इंजेक्शन लगाया जाता है। टीकाकरण से करीब 45 हजार बच्चों को कवर किया जाता है।

डा.आरके गुप्ता, जिला टीकाकरण अधिकारी, ग्वालियर

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