शिवपुरी। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने चीतों की मौत के सवाल पर कहा कि चीते यहां (कूनो) की घास और वनस्पति की घास की गंध से सामंजस्य नहीं बैठा पा रहे हैं। उसे वह गंध नहीं मिल रही है जो अफ्रीका के जंगलों में मिलती है। दूसरा चीता बहुत अंतर्मुखी जानवर होता है, वह बहुत आसानी से अवसाद में चले जाते हैं और इसका कोई इलाज नहीं होता है। चीते तो अफ्रीका के जंगलों में भी मरते हैं। हमारे यहां यह एक प्रयोग हुआ है। अब यही सोच रहे हैं कि जितने चीते बचे हैं उन पर प्रयोग सफल रहे। चीता भाजपा का कार्यकर्ता तो है नहीं जो अनुशासन में बंधा रहेगा। उसको गंध भी चाहिए और भावनाओं की आजादी भी चाहिए।
कुछ लोगों ने गोशाला का धंधा बना लिया है
शिवपुरी प्रवास पर आई उमा भारती ने गो सरंक्षण को लेकर उमा भारती ने कहा कि गाय के बारे में सभी की घोषणाएं फेल हुई हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ हमारे छोटे भाई (शिवराज सिंह चौहान) की हुई हैं योगी जी की भी हुई हैं। गाय को बचाने का तरीका गोशाला है ही नहीं है। वह तो करोड़ों की संख्या में भटक रही हैं आप कितनी गोशालाएं बनाओगे। दूसरा इसमें धंधेबाज लोग बहुत आ गए हैं जो कहते हैं कि और कुछ नहीं तो एक गोशाला ही दिलवा दो। उसे एक नौकरी समझ लिया है।
इन तरीकों से बचेगी गाय
गाय सिर्फ चार तरीकों से बच सकती है। पहला गोचर बनाओ या फिर पुराने बचाओ, पानी रोकने की व्यवस्था करो, किसान को मजबूर करो कि जिसकी गाय है वह उसे रखे। उन्होंने कहा कि मैंने शिवराज को कहा कि गोशाला बंद कर दीजिए। गोबर व गोमूत्र से इतने उत्पाद बनने लगे हैं कि सरकार उन्हें खरीदने लगे। पूरे जिले में सिर्फ एक बड़ी गोशाला होना चाहिए। यह गोशाला भी सिर्फ बीमार या घायल गाय के लिए होना चाहिए। सारा खर्च सिर्फ इस एक गोशाला पर होना चाहिए।
हम घोटालेबाजों को नहीं बचाते
पटवारी भर्ती परीक्षा पर चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि पटवारी परीक्षा के घोटाला एक भाजपा नेता का नाम आया है, किसी भी भाजपा नेता ने भी उसे बचाने के लिए एक स्टेटमेंट नहीं दिया। भ्रष्टाचारियों व घोटालेबाजों के लिए हमारा कोई कार्यकर्ता एक लफ्ज नहीं बोलता है, बल्कि जांच बैठा दी जाती है। कांग्रेस के समय सब चीजों की अनदेखी कर दी जाती थी।
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