Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डब्ल्यूओएस ने किया शक्ति उत्सव आयोज। विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बजट लाईव। भारतीय नौसेना का जहाज कुठार श्रीलंका के कोलंबो पहुंचा। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान प्राण, केंद्रीय कृषि मंत्री। इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से संरक्षणवाद को छोड़कर उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया,पीय... PM Modi ने बागेश्वर धाम की पर्ची निकाल दीं, धीरेंद्र शास्त्री बोले। विधान सभा बजट सत्र 2025-26 का चौथा दिन। मात्र 250 रुपए जमा करने पर आपको मिलेगा 78 लाख रुपए तक! CM योगी ने विधानसभा में शिवपाल यादव पर कसा तंज। देश की पहली दुनिया की 5वीं नाइट सफारी विकसित हो रही, प्रदेश वासियों को नाइट सफारी की मिलेगी सौगात,जा...

ऐसा अजूबा पत्थर जो ब्रिटेन ले गई थीं महारानी विक्टोरिया

Shazar Stone– बांदा की केन नदी में पाये जाने वाले पत्थर शजर की देश भर में खासी डिमांड है, आभूषणों से लेकर कलाकृतियों के निर्माण में होता है इनका इस्तेमाल

 

बुंदेलखंड के बांदा जिले की केन नदी प्रदेश की इकलौती और देश की दूसरी नदी है जो पत्थरों में ‘रंगीन चित्रकारी’ करती है। इस नदी में मिलने वाले दुर्लभ पत्थर बेहद खूबसूरत होते हैं जो अपने भीतर दिखने वाली खूबसूरती के लिए मशहूर हैं। इन पत्थरों को ‘शजर’ (Shazar Stone) कहा जाता है। फारसी में शजर पेड़ (Shazar Stone Meaning) को कहा जाता है। खास बात यह है कि कोई भी दो शजर पत्थर (Sajar Pathar) एक जैसे नहीं होते, मतलब हर एक पत्थर में अलग-अलग चित्रकारी। दुनिया भर में शजर पत्थर सिर्फ भारत की दो नदियों केन और नर्मदा में ही पाये जाते हैं। अरब देशों में इस पत्थर को ‘हकीक’ और भारत में ‘स्फटिक’ कहते हैं। इन दिनों Shazar Stone Online खरीदे व बेचे जा रहे हैं।

found in ken river banda

लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार 2024 योजना का नामांकनअंतिम तिथि 21 फरवरी, 2025 तक बढ़ा दी गई।

शौकीन लोग अंगूठी में जड़वाते हैं

शजर पत्थरों का इस्तेमाल आभूषणों, कलाकृति जैसे ताजमहल, सजावटी सामान व अन्य वस्तुएं जैसे वाल हैंगिंग में लगाने के काम में प्रयोग होता है। मुगलकाल में शजर पत्थरों के इस्तेमाल से बेजोड़ कलाकृतियां बनाई गईं। बांदा और लखनऊ (Shazar Stone Lucknow) में शजर पत्थर से बने आभूषणों (Shazar stone Jewellery) का बड़ा कारोबार होता है। शौकीन लोग इसे अंगूठी में नग के तौर पर भी जड़वाते हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हस्तशिल्पी द्वारका प्रसाद सोनी बताते हैं कि शजर पत्थर की पहले कटाई और घिसाई होती हैं, जिसके बाद इसे मनचाहे आकर में ढाला जाता है। सोने चांदी में जड़ने के बाद शजर की कीमत और बढ़ जाती है।

शजर पत्थर को ब्रिटेन ले गई थीं महारानी विक्टोरिया

ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल में ब्रिटेन की महारानी क्वीन विक्टोरिया (Queen Victoria) के लिए दिल्ली दरबार में नुमाइश लगाई गई थी। इसमें रानी विक्टोरिया को शजर पत्थर इतना पंसद आया था वह इसे अपने साथ ब्रिटेन भी ले गई थीं।

 

मुसलमानों के बीच खासा लोकप्रिय है शजर

दुनिया भर में खासकर मुस्लिम देशों में शजर पत्थर की खासी डिमांड (Shazar Stone Demand) है। मुसलमानों के बीच में इस पत्थर का विशेष महत्व है। वह इसे कुदरत का नायाब तोहफा मानते हैं और इस पर कुरान की आयतें लिखवाते हैं। इतना ही नहीं मक्का जाने वाले हजयात्री इस पत्थर को लेकर जाते हैं। व्यापारियों के मुताबिक, ईरान में इसकी मुंहमांगी कीमत मिलती है। कुछ लोगों का मानना है कि इस पत्थर को पहनने से बीमारियां दूर भागती हैं।

पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, केन नदी का पुराना नाम ‘कर्णावती’ नदी था। बाद में इसे ‘किनिया’ और फिर ‘कन्या’ कहा जाने लगा। अब इसे केन नदी कहा जाता है। ‘केन (Ken River) एक कुमारी कन्या है’ का उल्लेख महाभारत काल में मिलता है।
Leave A Reply

Your email address will not be published.