Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के फैसले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डब्ल्यूओएस ने किया शक्ति उत्सव आयोज। विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बजट लाईव। भारतीय नौसेना का जहाज कुठार श्रीलंका के कोलंबो पहुंचा। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान प्राण, केंद्रीय कृषि मंत्री। इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से संरक्षणवाद को छोड़कर उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया,पीय... PM Modi ने बागेश्वर धाम की पर्ची निकाल दीं, धीरेंद्र शास्त्री बोले। विधान सभा बजट सत्र 2025-26 का चौथा दिन। मात्र 250 रुपए जमा करने पर आपको मिलेगा 78 लाख रुपए तक! CM योगी ने विधानसभा में शिवपाल यादव पर कसा तंज।

कपास बीज के लिए तीसरे दिन भी जमकर हंगामा, रास्ता जाम, धूप में घंटो परेशान हो रहे महिलाएं व बुजुर्ग

खरगोन। उच्च गुणवत्ता के कपास उत्पादन के लिए प्रदेश और देश में पहचाने जाने वाले खरगोन जिले में कपास के बीज प्राप्त करने के लिए किसानों को घंटो मशक्कत करना पड़ रही है। बीटी काटन कपास बीज रासी 659 और आशा नुजिवुड के लिए किसान रात 4 बजे से कृषि मंडी में आकर कतार में लग रहे हैं। शुक्रवार को टोकन वितरण नहीं हुआ तो लगातार तीसरे दिन किसानों ने जमकर हंगामा किया।

मंडी के सामने हाईवे पर रास्ताजाम भी कर दिया। अधिकारियों के आने के बाद टोकन वितरण शुरू किया तो किसान राजमार्ग से हटे। शुक्रवार को भी सुबह 5 बजे से किसान कृषि उपज मंडी पहुंचकर कतार में लग गए। लेकिन सुबह 11 बजे तक न टोकन वितरण शुरू हुआ न ही काउंटर खुला तो वे आक्रोशित हो गए। गुस्साए किसान मंडी गेट पहुंच गए जहां बीच सड़क धरना दे दिया। इससे आवाजाही बाधित हुई।

मौके पर पहुंचे एसडीएम भास्कर गाचले, एएसपी टीएस बघेल व डीडीए एमएल चौहान ने किसानों को बीज उपलब्ध करवाने का भरोसा दिया। इसके बाद दोबारा किसान कतार में लगे। किसान बोंदरसिंह बड़ोले, त्रिलोक खरते का कहना है कि हर साल दोनों किस्म के बीज की मांग रहती है। इसके बावजूद कृषि विभाग ने अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है। व्यापारी मनमानी कर रहे हैं।

वर्तमान समय बुआई का है, यदि समय पर बुआई नहीं हुई तो अगली फसल में पिछड़ जाएंगे। किसान पिछले तीन दिन से 42 डिग्री तापमान में खुले आसमान के नीचे कतार लगा रहे हैं। छाया के साथ ही समय पर टोकन व्यवस्था नहीं होने से कृषि विभाग सहित शासन- प्रशासन के खिलाफ नाराजगी है।

मामले में डीडीए का कहना है कि विशेष बीजों की मांग की जा रही है। कंपनी ने जितने बीज पैकेट भेजे हैं उतने वितरित करवाए रहे हैं। कंपनियों से बीज उपलब्धता बढ़ाने के लिए कहा है। जल्द ही समस्या दूर कर ली जाएगी।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.