इंदौर। जिला न्यायालय की पार्किंग समस्या को हल करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए वकीलों ने पार्किंग के लिए होप टेक्सटाइल्स की जमीन की मांग की है। वकीलों ने जमीन को लेकर हाई कोर्ट में चल रही याचिका में एक आवेदन देकर उक्त जमीन पार्किंग के लिए उपलब्ध कराने की मांग की है।
वकीलों का कहना है कि वे न्यायालय के अंतिम निर्णय के अधीन इस जमीन का वर्तमान में जिला न्यायालय की पार्किंग के रूप में उपयोग करने को तैयार हैं। भविष्य में याचिका में न्यायालय जो भी निर्णय देगा वे उसे स्वीकारेंगे। वकीलों के आवेदन पर हाई कोर्ट में 16 अक्टूबर को सुनवाई हो सकती है।
बड़ी संख्या में आते हैं पक्षकार
गौरतलब है कि जिला न्यायालय में पार्किंग की समस्या अत्यंत गंभीर है। इसे हल करने के लिए कई बार योजनाएं भी बनीं लेकिन कुछ नहीं हुआ। दरअसल जिला न्यायालय में 80 से ज्यादा न्यायालय संचालित होते हैं। प्रत्येक न्यायालय में औसतन 120 प्रकरण सुनवाई के लिए रोजाना लगते हैं। इन 10 हजार से ज्यादा प्रकरणों की सुनवाई के लिए बड़ी संख्या में पक्षकारों का न्यायालय में आना-जाना लगा रहता है।
वकीलों की संख्या भी बढ़ रही
जिला न्यायालय में पैरवी करने वाले वकीलों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वर्तमान में इंदौर अभिभाषक संघ में आठ हजार से ज्यादा सदस्य हैं। इस हिसाब से देखें तो जिला न्यायालय में रोजाना 20 हजार से ज्यादा लोगों की आवाजाही होती है। इनमें वकील और जिला न्यायालय के कर्मचारी अधिकारी शामिल हैं। इतनी बड़ी संख्या में न्यायालय में आने वालो के वाहन भी परिसर में ही पार्क होते हैं। अक्सर हालत इतने खराब हो जाते हैं कि न्यायालय परिसर में पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है।
जिला न्यायालय से लगकर ही होप टेक्सटाइल्स की जमीन है। यह जमीन शासकीय है और इसे लेकर न्यायालय में प्रकरण भी चल रहा है। वकीलों का कहना है कि अगर शासन इस जमीन को जिला न्यायालय को उपलब्ध करवा दे तो पार्किंग की समस्या से निजात मिल सकती है।
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