इंदौर। महू रेंज में आने वाले जंगल से लगे एक खेत में तेंदुए का शव मिला। पहले वन अफसर इसे वन्यप्राणियों के बीच वनक्षेत्र अधिकार को लेकर आपसी संघर्ष बता रहे थे, मगर मौके पर तार मिला, जिसमें तेंदुए के बाल फंसे हुए थे। तेंदुए के नाखूनों के टुकड़े भी मिले हैं। इसके बाद शिकार की आशंका बढ़ गई है। महू रेंज की कार्यप्रणाली भी सवालों के घिरे में आ चुकी है, क्योंकि घटना की जानकारी मिलने के तीन से चार घंटे में पोस्टमार्टम से लेकर शव को जलाने की प्रक्रिया कर दी। मौके पर स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) भी पहुंची थी।
परिक्षेत्र सहायक बड़गोंदा को बुधवार को बीट निरीक्षण के दौरान बडगोंदा के कक्ष के 69 में एक तेंदुआ मृत अवस्था मिला था। तेंदुए की संदिग्ध मौत गिरगाय वाले फार्म हाउस के परिसर में हुई। आनन-फानन में तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम के लिए महू वेटरनरी अस्पताल भेजा गया। इस दौरान वन अफसरों ने वन्यप्राणियों के बीच आपसी संघर्ष होना बताया। मगर इससे जुड़ा कोई प्रमाण आसपास वाले क्षेत्र में नहीं मिला है, जिससे देखकर यह लगे कि दो जानवरों के बीच लड़ाई हुई है।
मामले को दबाने की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक, पोस्टमार्टम होने के बाद फार्म हाउस मालिक महेंद्र चौधरी के बयान दर्ज किए गए। उसके सारे जवाब गोलमोल है, मगर महू रेंज पूरे मामले को दबाने में लगी है। दोपहर 2 बजे एसटीएफएस की टीम भी पहुंची। मौके पर टीम को तारों की फैंसिंग नजर आई। जांच के दौरान उसमें तेंदुए के बाल पाए गए। साथ ही तेंदुए के नाखून के टुकड़े भी मिले हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि तार के फंदे में फंसने के दौरान संघर्ष के चलते नाखून टूटे होंगे। मगर महू रेंज तार में बाल मिलने और नाखूनों के टुकड़ों की बात सिरे से नकारने में लगी है।
जानवरों के आपसी संघर्ष से मौत
घटनास्थल पर स्निफर डाग से भी सर्चिंग करवाई गई। वन अफसरों का कहना है कि खेतों में जंगली सूअर की वजह से तार लगाए गए हैं, जो कई खेतों में नजर आ रहे हैं। रेंजर वैभव उपाध्याय का कहना है कि तेंदुए की मौत के पीछे जानवरों की आपसी संघर्ष है। इसके बारे में जांच चल रही है।
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