ग्वालियर। निगम में ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग को लेकर 1369 आउटसोर्स सफाई कर्मचारी व ड्राइवर बुधवार को हड़ताल पर रहे। इसके चलते शहर में सफाई व्यवस्था ध्वस्त नजर आई। दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में फिर भी कुछ टिपर वाहन डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए निकले, लेकिन पूर्व व ग्वालियर विधानसभा में एक भी गाड़ी सड़कों पर नजर नहीं आई। लोगों ने खुले में कचरा फेंका, जिससे जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे नजर आए। अब ये कर्मचारी आज भी हड़ताल पर रहेंगे। कर्मचारियों ने साफ घोषणा की है कि न तो वे खुद सफाई करेंगे और न ही टिपर वाहनों को डिपो से बाहर निकलने देंगे।
230 टिपर वाहनों से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करता है निगम
नगर निगम द्वारा शहर में लगभग 230 टिपर वाहनों के माध्यम से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कराया जाता है। इसमें 1210 सफाई कर्मचारियों के साथ 168 ईको ग्रीन कंपनी के ड्राइवर और हेल्पर मदद करते हैं। आउटसोर्स पर वर्षों से काम कर रहे सफाई कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें ठेकेदार के अंडर से हटाकर सीधे नगर निगम में मर्ज कर दिया जाए। उन्हें दैनिक वेतन भोगी जैसे पद पर पदस्थ कर दिया जाए। इसी मांग को लेकर ये कर्मचारी परिषद भवन के बाहर हड़ताल कर रहे थे। आउटसोर्स सफाई कर्मचारियों की मांगों को सुनने के लिए सभापति मनोज सिंह तोमर बुधवार को परिषद की बैठक को स्थगित कर नेता प्रतिपक्ष हरिपाल, एमआइसी सदस्य अवधेश कौरव व अन्य पार्षदों के साथ सदन से बाहर आए। उन्होंने सफाई कर्मचारियों को समझाया कि उनकी मांगें पूरी करना शासन स्तर का निर्णय है। परिषद ठहराव पास कर शासन को भेज सकती है। इस पर कर्मचारियों ने शासन को प्रस्ताव भेजने पर सहमति जता दी। इसके बाद सदन में नेता प्रतिपक्ष हरिपाल और सत्ता पक्ष के पार्षदों अवधेश कौरव, अंकित कट्ठल आदि ने ठेका प्रथा खत्म कर कर्मचारियों को दैनिक वेतन भोगी पर रखने का प्रस्ताव दिया, जिसे सर्वसम्मति से पास कर स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया है। इसके बावजूद कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं।
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