इंदौर। दो पहिया वाहनों की आपसी टक्कर को आयशर वाहन से हुई दुर्घटना सिद्ध करने की परिवादी की कोशिश असफल हो गई। जिला न्यायालय ने मुआवजे के लिए प्रस्तुत तीन प्रकरणों को निरस्त कर दिया।
ग्राम अमोदिया निवासी चंदर सिंह ने जिला न्यायालय में क्लेम प्रकरण प्रस्तुत किया था। इसमें कहा था कि एक सितंबर 2016 को वह पत्नी और बेटी के साथ दोपहिया वाहन से बिजलपुर जा रहा था। वरोदाफाटा के पास सामने से आए आयशर वाहन एमपी 09 जीजी 5337 ने उसके दोपहिया वाहन को जोरदार टक्कर मार दी। इससे चंदर सिंह, उसकी पत्नी और बेटी गंभीर रूप से घायल हो गए। तीनों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कोर्ट में बीमा कंपनी ने दिए ये तर्क
चंदरसिंह ने आयशर वाहन का बीमा करने वाली कंपनी के खिलाफ मुआवजे का प्रकरण प्रस्तुत किया। बीमा कंपनी की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट प्रदीप सिसौदिया ने न्यायालय को बताया कि एमवाय अस्पताल में बनी एमएलसी में स्पष्ट लिखा है कि तीनों घायल दो दोपहिया वाहनों की आपसी टक्कर में हुए थे। दुर्घटना के वक्त चंदर सिंह ने हेलमेट भी नहीं पहना था। दोपहिया वाहन पर सिर्फ दो लोग बैठ सकते हैं, लेकिन दुर्घटना के वक्त तीन लोग सवार थे। न्यायाधीश मुकेश नाथ ने बीमा कंपनी के तर्कों से सहमत होते हुए मुआवजा प्रकरण निरस्त कर दिए।
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