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पेट्रोल बम, रोहिंग्या और अब पार्टी कनेक्शन…परत दर परत खुलता जा रहा हल्द्वानी हिंसा का मामला

8 फरवरी का दिन… उत्तराखंड के इतिहास में यह तारीख दर्ज हो गई है. क्योंकि इस दिन यहां कुछ ऐसा हुआ जिससे पूरे देश में सनसनी मच गई. नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में मदरसे पर बुलडोजर एक्शन को लेकर हिंसा ऐसी भड़की कि इसकी जद में कई लोग आ गए. इस हिंसा में 6 लोगों की मौत हुई और 300 के करीब लोग घायल हुए. घायलों में 100 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. तीन दिन बाद यानि 11 फरवरी तक इस घटना को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पेट्रोल बम, रोहिंग्या के बाद अब मामले में पार्टी कनेक्शन सामने आया है.

  • दो दिन पहले यानि 9 फरवरी को पुलिस को जांच में पता चला था कि हिंसा के दौरान 6-7 उपद्रवी पट्रोल बम बना रहे थे. बाइक से पेट्रोल निकालकर उपद्रवी बम बना रहे थे. प्रशासन ने कहा कि जो घटना हुई वो अचानक नहीं बल्कि सोची समझी साजिश थी. जिस तरह से नगर निगम की टीम और पुलिस टीम पर हमला हुआ वो साजिश का ही हिस्सा है.
  • इसके बाद एक और जानकारी हाथ लगी कि हिंसा वाले दिन बनभूलपुरा के बाहरी इलाके में रेलवे लाइन के आसपास की झुग्गियों से भी कुछ लोग उपद्रवियों के झुंड में देखे गए थे, जहां पर रोहिंग्या मुस्लिम आबादी रहती है. सूत्रों के मुताबिक, हल्द्वानी हिंसा में रोहिंग्या मुस्लिम और अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी लोगों की भूमिका की भी पुलिस जांच कर रही है.
  • लेकिन इस मामले में अब एक और चौंकाने वाली खबर ये सामने आई है कि मामले में जिन पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनमें 2 पूर्व पार्षद और 2 समाजवादी पार्टी से जुड़े नेता हैं. देर रात आधा दर्जन उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है.

दिल्ली, वेस्ट यूपी और अन्य राज्यों में उपद्रवियों की तलाश जारी

परत दर परत हल्द्वानी केस खुलता जा रहा है. इस मामले पर धामी सरकार उपद्रवियों के खिलाफ पहले दिन से ही सख्त है. 8 फरवरी को हिंसा की रात में अंधेरे का फायदा उठाकर कई उपद्रवी हल्द्वानी छोड़कर दूसरे राज्यों में चले गए. पुलिस की करीब 10 टीमें फरार हुए उपद्रवियों की तलाश में लगी हुई हैं. पुलिस की ये टीमें दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों और दूसरे राज्यों में भी उपद्रवियों की तलाश कर रही है.

पुलिस बनभूलपुरा इलाके के सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल वीडियो और जांच के आधार पर पुलिस अब उपद्रवियों को उनके घर से निकाल कर गिरफ्तार कर रही है. इसी कड़ी में पुलिस को पता चला है कि कई उपद्रवी हिंसा करने के बाद हल्द्वानी छोड़कर जा चुके हैं. पुलिस अब उनको गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है. इसीलिए दूसरे राज्यों और जिलों में जाकर उपद्रवियों की तलाश की जा रही है. पुलिस उपद्रवियों के रिश्तेदारों से भी पूछताछ कर रही है.

5000 लोगों के खिलाफ FIR, अब्दुल मलिक मास्टरमाइंड

एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीना ने बताया कि पुलिस ने 19 नामजद और 5,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हल्द्वानी हिंसा का मुख्य मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक ही है. अब्दुल का ही मलिक बगीचा पर कब्जा था, जहां पर अवैध निर्माण ढहाने प्रशासन की टीम गई थी. सूत्रों की मानें तो पुलिस ने अब्दुल को गिरफ्तार कर लिया है. नैनीताल के एसएसपी ने बताया कि पुलिस कई और मुख्य साजिशकर्ताओं की तलाश कर रही है .पुलिस के रडार पर अब्दुल मलिक के साथ और कई साजिशकर्ता हैं. हिंसा के दौरान अब्दुल का जिसने भी साथ दिया, पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है.

हल्द्वानी में कब, कैसे और क्यों हुई हिंसा?

हल्द्वानी में 8 फरवरी को दोपहर एक बजे पुलिस प्रशासन की टीम बनभूलपुरा क्षेत्र में नजूल जमीन (जिस पर किसी का मालिकाना हक ना हो) पर बने मदरसे और मस्जिद को हटाने के लिए गई थी. दरअसल, प्रशासन का कहना है कि मदरसे और मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से हुआ है. हाईकोर्ट ने 30 जनवरी को उसे हटाने का आदेश दिया था, जिस पर कार्रवाई करते हुए टीम वहां पहुंची. स्थानीय लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. पहले पुलिस की टीम पर पथराव किया गया और फिर पूरे शहर में हिंसा फैल गई. जैसे ही टीम ने मदरसे और मस्जिद पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो महिलाएं और स्थानीय निवासियों की गुस्साई भीड़ विरोध में सड़क पर उतर गई और पुलिसकर्मियों के साथ उनकी बहस हो गई. फिर नारेबाजी हुई और टीम पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई और दंगे शुरू हो गए. पुलिस ने आक्रोशित भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया, लेकिन बवाल बढ़ने लगा. तब रामनगर से अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई. बवाल करने वाली भीड़ ने आगजनी की, मकानों और दुकानों पर तोड़फोड़ की, दर्जनों गाड़ियों को फूंक डाला, जिसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया.

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