मकान बनाने के लिए महिला ने बैंक से निकाले 1 लाख 85 हजार रुपये, किशोर ने चुराये, पुलिस ने किया गिरफ्तार
कोतवाली टीआइ सत्येंद्र सिंह राजपूत के मुताबिक बीटीआइ रोड निवासी माधुरी दौहरे पत्नी रामबरन दौहरे ने बुधवार सुबह करीब 11.30 बजे इटावा रोड स्थित एसबीआइ शाखा से 1 लाख 85 हजार रुपये निकाले। महिला ने रुपये काउंटर से गिनकर एक बैग में रखकर थैले में रख लिए। इसी दौरान एक किशोर ने थैला काटकर रुपये का बैग निकाल लिया। इसी दौरान वहां कोतवाली में पदस्थ हवलदार विकेश तिवारी और आरक्षक अनिल शर्मा पहुंच गए।
आरक्षक की नजर किशोर पर पड़ी तो उसने भागने का प्रयास किया। पुलिस ने पकड़कर बैग चेक किया, तो उसमें रुपये थे। आरक्षक ने तत्काल किसी के रुपये चोरी हाेने की बात कहीं। माधुरी ने थैला चेक किया तो उसमें रुपये गायब थे।
महिला को वापस किये रुपये
महिला ने पुलिस को बताया कि चोरी हुए रुपये उसके हैं। उसने मकान बनाने के लिए बैंक से रुपये निकाले थे। पुलिस ने काउंटर पर पता किया तो कर्मचारी ने महिला द्वारा रुपये निकालना बताया। उसके बाद पुलिस किशोर को लेकर सिटी कोतवाली आई। बताया जाता है कि घटनाक्रम के दौरान किशोर के साथ आई महिला बैंक परिसर से फरार हो गई। पुलिस ने कोतवाली लाकर माधुरी दौहरे को 1 लाख 85 हजार रुपये सुपुर्द कर दिए। पुलिस की इस कार्रवाई से महिला ने टीआइ राजपूत को धन्यवाद दिया है।
ऐसे रोक सकते हैं बैंक में वारदात
– बैंक के सुरक्षा गार्ड को पूरे समय मेन गेट और कैश काउंटर आदि पर निगरानी का जिम्मा दिया जाए। सुरक्षा गार्ड से बैंक प्रबंधन कोई दूसरा काम नहीं कराए।
– मेन गेट पर तैनात सुरक्षा गार्ड और बैंक के जिम्मेदार अफसर संदिग्ध नजर आने वाले युवकों से पूछताछ करें कि वह बैंक क्यों आए हैं।
– बैंक में खाली हाथ (बिना पासबुक और दस्तावेज) पहुंचने वाले लोगों से उनके बैंक आने का उद्देश्य पूछा जाना चाहिए।
– बैंकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के लिए भी एक कर्मचारी तैनात रहना चाहिए, जो कैमरों के जरिए पूरी निगरानी रखे। इससे संदिग्धों को रोका जा सकेगा।
– बैंक में समय-समय पर पूर्व की तरह पुलिस चेकिंग शुरू की जाए। पुलिस अफसरों के बैंक में अचानक पहुंचकर चेकिंग करने से भी संदिग्धों पर रोक लगती है।
– शहर में ज्यादातर बैंक लश्कर रोड और इटावा रोड पर हैं। बैंकिंग के समय यहां पुलिस बल तैनात रहकर निगरानी करे, ताकि वारदात होने से रोकी जा सके।
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