Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के फैसले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डब्ल्यूओएस ने किया शक्ति उत्सव आयोज। विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बजट लाईव। भारतीय नौसेना का जहाज कुठार श्रीलंका के कोलंबो पहुंचा। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान प्राण, केंद्रीय कृषि मंत्री। इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से संरक्षणवाद को छोड़कर उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया,पीय... PM Modi ने बागेश्वर धाम की पर्ची निकाल दीं, धीरेंद्र शास्त्री बोले। विधान सभा बजट सत्र 2025-26 का चौथा दिन। मात्र 250 रुपए जमा करने पर आपको मिलेगा 78 लाख रुपए तक! CM योगी ने विधानसभा में शिवपाल यादव पर कसा तंज।

अस्पतालों में लगा रहा ताला, निजी वाहन में हुआ प्रसव, मातम में बदली खुशियां

कांकेर/बड़गांव। छत्तीसगढ़ के बड़गांव इलाके में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो चुकी है। स्वास्थ्य कर्मचारियों के निष्क्रियता और बदहाली के चलते क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने कई बार अस्पताल परिसर और बड़गांव में प्रदर्शन किया, ताकि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार किया जाए। लेकिन चिकित्सा विभाग अपने बदहाली को लेकर गंभीर नहीं है। ताजा मामला बड़गांव इलाके के हड़फड़ से सामने आया है, जहां रविवार देर रात करीबन 10 बजे हड़फड़ निवासी सुनहेर सलाम अपनी पत्नी को लेकर प्रसव कराने के लिए बड़गांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आया। लेकिन अस्पताल परिसर में ताला लगा था। काफी देर तक परिजनों ने आवाज लगाई परंतु न कोई सुनने आया और न कोई देखने। जैसे तैसे सुनहेर ने गाड़ी को कोंण्डे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए ताकि वहां प्रसव हो सके।

लेकिन कोंण्डे में भी वही बदहाल व्यवस्था देखने को मिली। यहां भी कोई स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं मिला। गर्भवती महिला की स्थिति बिगड़ती गई और जैसे-तैसे निजी वाहन में ही गर्भवती महिला ने नवजात बच्चे को जन्म दिया।बच्चे के जन्म देने के बाद परिजनों ने वापस पखांजुर की ओर रुख किया, ताकि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।परंतु बड़गांव और कोंण्डे की तरह सिविल अस्पताल पखांजुर में भी बदहाल हो चुकी स्वास्थ्य सुविधा के चलते यहां भी कोई कर्मचारी प्रसवित महिला को देखने नहीं आया। जिससे हतास हो चुके सुनहेर सलाम ने निजी अस्पताल वंदना अस्पताल पखांजुर में ले जाकर प्रसवित महिला और नवजात बच्चे को दाखिला कराया। अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया हुई। मंगलवार देर शाम को जच्चा बच्चा को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। लेकिन घर आने के बाद बच्चे का शरीर का रंग काला पड़ने लगा और बच्चे की मौत हो गई।

सुनहेर सलाम ने बताया कि बड़गांव और कोंण्डे समेत सिविल अस्पताल पखांजुर में भी स्वास्थ्य सेवाएं नही मिल सकी। जैसे तैसे गाड़ी में ही प्रसव तो हुआ लेकिन बदकिस्मती के चलते बच्चे को नहीं बचाया जा सका। बच्चे की मौत हो गई। घर मे खुशियां आने के बजाय मातम पसर गई। शुरुआत में ही बड़गांव में स्वास्थ्य सेवाएं मिलती तो आज घर मे मातम के जगह खुशियां और नवजात बच्चे की किलकारी गूंजती। लेकिन निष्क्रिय और पंगु हो चुके स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते घर की खुशियां छीन गई। मामले की जांच कर कार्रवाई करने की आवश्यकता पीड़ित ने जताई है। ताकि उसके जैसे अन्य किसी के घरों में खुशियों के जगह मातम न पसरे।

गौरतलब है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़गांव में स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही आये दिन देखने को मिलती है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार प्रदर्शन भी किया गया ताकि व्यवस्था में सुधार किया जाए। लेकिन लापरवाह कर्मचारियों की निष्क्रियता और मनमानी जारी है। स्वास्थ्य सेवाओं की दुरस्ती और कर्मचारियों की सक्रियता अमल में लाने का जिम्मा जिन अफसरों को है वे अफसर भी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने में लगे रहते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़गांव में आसपास के चालीस से अधिक गांव के ग्रामीण निर्भर है। ग्रामीणों का स्वास्थ्य इसी अस्पताल के भरोसे है। इसके बावजूद व्यवस्था में सुधार करने में विभागीय अफसर और प्रशासन असफल साबित हो रहा है।

इस मामले में कांकेर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अविनाश खरे का कहना है कि मामला गम्भीर है।मामले की जांच करवाई जाएगी। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में सक्रियता बढ़ाने का काम किया जाएगा।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.