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आठ दमकलें 24 घंटों में नहीं बुझा सकीं दुकान में लगी आग, 5 लाख लीटर बहा पानी

अशोकनगर। बीती शाम शहर के रिलायंस पेट्रोल पंप बायपास रोड पर एक टायर दुकान में लग गई थी। 25 बाई 120 वर्गफीट क्षेत्रफल की इस दुकान में आग बुझाने के लिए दमकलों से 5 लाख लीटर से अधिक पानी बहा दिया लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। देर शाम तक दुकान के अंदर से धुआं का भभंडर और लपटें उठती रहीं। इस दौरान टायर फैक्ट्री संचालक के एक मित्र जो घटना के समय दुकान में थे वे घटना के बाद से लापता बताए जा रहे हैं।

5 लाख लीटर से अधिक पानी बहा

अशोकनगर शहर में समय-समय पर आगजनी की घटनाएं होती रहीं हैं लेकिन बीती रात टायर फैक्ट्री की दुकान में लगी आग सैंकड़ों लोगों के लगातार प्रयास के बाद भी 24 घंटे बाद ठंडी नहीं हो सकी। घटना के बाद से अशोकनगर जिले की शाढ़ौरा, पिपरई, मुंगावली, आनंदपुर ट्रस्ट के अलावा गुना, राधोगढ़ और शिवपुरी जिले के बदरबास की दमकलें बुलाई गईं।

लगातार सभी दमकलों ने घंटों तक आग पर काबू करने का प्रयास किया लेकिन उनकी कोशिशें लगातार आग की उठती लपटों में दबती रहीं। इसके बाद गुना जिले के विजयपुर से केमिकल युक्त फायरब्रिगेड बुलाई गई। इससे आग कुछ देर के लिए कम तो हुई लेकिन कुछ देर बाद फिर वहीं मंजर शुरू हो गया। 24 घंटों में करीब 5 लाख लीटर से अधिक पानी डालने के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका।

सोल्युशन और टायर जले तो पानी हुआ बेअसर

दुकान में टायर रिमोल्डिंग का काम किया जाता है। इसके चलते दुकान के तलघर से लेकर ऊपर की तीन मंजिलों में टायर ही टायर भरे थे। जैसे ही आग भड़की तो सोल्युशन और टायरों से उठती लपटों ने तांडव मचा दिया। स्थिति यह रही कि जब तक पानी डाला जाता लपटें दब जाती। पानी बंद होते ही फिर से लपटें उठना शुरू हो जाती। शाम को 7 बजे से शुरू हुआ आग की लपटों का मंजर दूसरे दिन भी शाम 7 बजे तक उसी तरह रहा।

दुकान संचालक के मित्र की मिसिंग, परिजनों का हाल बेहाल

घटना के समय दुकान पर टायर संचालक के मित्र भी मौजूद थे। इनमें से एक मित्र नंदकिशोर श्रीवास्तव घटना से पहले बाशरूम गए थे। इसके बाद सभी मित्र तो सकुशल बाहर लौट आए लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। इस दौरान श्री श्रीवास्तव की बाइक दुकान से कुछ ही दूरी पर खड़ी रही जबकि उनके मोबाइल की आखिरी लोकेशन घटना स्थल की मिली। इसके बाद परिजन आग बुझने के इंतजार में दिन भर बैठे रहे। वहीं घटना के बाद दुकान संचालक का फोन लगातार बंद आ रहा है।

दमकलें तो बुलाई लेकिन स्टाफ नहीं प्रशिक्षित

जिले के विभिन्न नगरीय निकायों में दमकलें हैं लेकिन इनके कर्मचारियों के पास न तो संसाधन हैं और न ही इनको इन निकायों के द्वारा प्रशिक्षण दिलाया गया है। ऐसे में आग बुझाने के जो तकनीकि पक्ष होते हैं उसके बारे में किसी को नालेज नहीं है। जबकि आग बुझाने के लिए नियुक्त कर्मचारियों को तकनीकि ज्ञान के अलावा संसाधनों में विभिन्न रसायनों, अग्निशामक झागों तथा अग्निशामक गैसों, आग से बचाने वाले कपड़ों आदि की आवश्यकता होती है, जो आज तक इन कर्मचारियों को उपलब्ध नहीं कराए गए। ऐसे में बगैर संसाधनों से जोखिम उठाकर ये लोग अपनी जान जोखिम में डालकर आग बुझाते हैं।

पास से निकली 11 केवी लाइन बंद, कई बस्तियों की लाइट गुल- दुकान के बाहर से ही 11 केवी की लाइन निकली है। ऐसे में सावधानी के तौर पर बिजली कंपनी ने लाइन बंद कर दी। 24 घंटों से भी अधिक समय से लाइट बंद होने के कारण शंकर कालोनी, नहर कालोनी, नया बस स्टेंड के आसपास कई क्षेत्रों की बिजली गुल है। वहीं लाइट नहीं होने से सैंकड़ों लोगों के समक्ष दिन भर पानी का संकट बना रहा।

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