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आरआइ मतलब कमाई सात-आठ टीआइ आपके अंडर में

। निजात अभियान के दौरान युवाओं को मोटिवेट करते हुए डीएसपी ने सूबेदार और आरआइ पद की महत्ता बताते हुए गलती कर गए। इसका एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो रहा है। वीडियो में यातायात डीएसपी युवाओं को कहते नजर आ रहे हैं कि जब सूबेदार ज्वाइन करता है तब बैच के दूसरे साथी थानों में कमाने लगते हैं। लेकिन सूबेदार और आरआइ का पद महत्वपूर्ण होता है। सात-आठ टीआइ आरआइ के अंडर में होते हैं। इस प्रसारित वीडियो की खूब चर्चा हो रही है। भाजपा नेता इंटरनेट ने मीडिया में प्रसारित करते हुए चुटकी ले रहे हैं।

एसपी संतोष कुमार जिले में निजात अभियान चला रहे हैं। इसके तहत अधिकारी अलग-अलग जगहों पर युवाओं को निजात अभियान के संबंध में बताकर युवाओं को जागरूक कर रहे हैं। इसी कड़ी में यातायात डीएसपी संजय साहू छठघाट के पास एसआइ और सूबेदार की तैयारी कर रहे युवाओं से मिले। उन्होंने युवाओं को निजात अभियान के संबंध में बताया। बातचीत के दौरान वे युवाओं को सूबेदार के पद का महत्व समझा रहे थे।

इसी का एक वीडियो प्रसारित हो रहा है। वीडियो में यातायात डीएसपी युवाओं को बता रहे हैं कि सूबेदार की जिला मुख्यालय में पोस्टिंग होती है। सूबेदार बहुत बड़ा पोस्ट है। वीडियों में वे बता रहे हैं कि पहले लगता है कि पैसा नहीं मिल रहा। बैच के लोग थाने में जाकर कमा रहे हैं। बाद में आरआइ बनने पर पूरा जिला मुठ्ठी में रहता है। वे युवाओं को आरआइ बनने के लिए प्रेरित कर रहे थे। करीब एक मिनट 42 सेकेंड के इस वीडियो को भाजपा नेता इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर रहे हैं।

वीडियो में यह कहते नजर आ रहे डीएसपी

-सूबेदार और एसआइ की तैयारी कर रहे युवाओं के बीच यातायात डीएसपी पहुंचे और उन्होंने कहा कि सूबेदार बहुत बड़ा पोस्ट होता है। मुझे ही देख लीजिए। मैं पहले सूबेदार था। पांच छह साल बाद आरआइ बना। अब पांच साल बाद डीएसपी हो गया। शुरू में सूबेदार को लगेगा कि उन्हें पैसा नहीं मिल रहा है। क्या ……..(अपशब्द) नौकरी में आ गया। क्योंकि उनके बैच वाले थाने में जाकर पैसा कमाना चालू कर देते हैं। कुछ समय बाद जैसे ही सूबेदार आरआइ बनता है तो वह जिले का मालिक बन जाता है। सात-आठ टीआइ उसके अंडर में रहते हैं। वह पूरे जिले को अपने मुट्ठी में रखता है। मैं भी कोरबा में आरआइ था। छह साल जशपुर में आरआइ रहा।

इन्होंने कहा

मैं केवल सूबेदार और आरआइ पोस्ट के महत्व को बता रहा था। सरल भाषा में इस पद के महत्व और इसमें चयन होने के लिए प्रेरित कर रहा था। इसे तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है।

संजय साहू

डीएसपी यातायात

युवा महीनों से कर रहे तैयारी

एसआइ और सूबेदार पद के लिए अधिकांश युवा बीते कई महीनों से तैयारियों में जुटे हुए हैं। छठघाट के अलावा पुलिस मैदान में सुबह और शाम को ऐसे युवाओं की भीड़ जुटी रहती है। ये सभी आपस में शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए अभ्यास कर रहे हैं। साथ ही लिखित परीक्षा के लिए ग्रुप डिस्कस कर अपनी आशंकाओं को दूर करते हैं। ऐसे में युवाओं को इस तरह से मनोबल बढ़ाना निश्चित रूप से गलत है। उच्च पदों पर पदस्थ अधिकारियों को कम से कम सार्वजनिक जगहों पर ऐसी बातें करने से सावधानी बरतनी चाहिए।

ट्विटर व वाट्सएप कर रहे शेयर

युवाओं को मोटिवेट करने का ट्रैफिक डीएसपी संजय साहू का यह वीडियो बड़ी तेजी के साथ इंटरनेट मीडिया ट्विटर व वाट्सएप में प्रसारित किया जा रहा है। खासकर भाजपा के लोग इसे सर्वाधिक प्रसारित कर रहे हैं। साथ ही वीडियों को सुनकर चुटकी भी ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि मामले में उच्च अधिकारियों द्वारा इसे संज्ञान में लिया जा सकता है।

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