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इंदौर-खंडवा राजमार्ग में 12 धार्मिक स्थल बाधक, शिफ्ट करने के लिए ग्रामीण राजी नहीं

इंदौर। इंदौर-खंडवा-एदलाबाद हाईवे निर्माण को लेकर एनएचएआइ की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। पहले कंस्ट्रक्शन एजेंसी ने राजमार्ग का रास्ता कई स्थानों से मनमाफिक मोड़ दिया। अब एनएचएआइ को नए सिरे से अलाइनमेंट का प्रस्ताव बनाना है। इस बीच निर्माण के लिए बाधक धार्मिक स्थल को हटाना है।

भंवरकुआं से लेकर बड़वाह के बीच 12 मंदिर हैं, जिनमें अधिकांश राजस्व की भूमि पर शिफ्ट किए जाएंगे। जबकि वनक्षेत्र में बने मंदिरों को हटाने के लिए ग्रामीण राजी नहीं हैं। यहां तक कि वन विभाग भी अन्य स्थान पर शिफ्ट नहीं करने दे रहा है।

एनएचएआइ का तेजाजी नगर से सिमरोल के बीच सड़क का काम तेजी से चल रहा है। यहां आने वाले मंदिरों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। इसे लेकर वहां के ग्रामीण राजी हो चुके हैं, लेकिन सिमरोल से बड़वाह के बीच वनक्षेत्र होने से ग्रामीण मंदिर नहीं हटाने दे रहे हैं। चोरल में खुटा हनुमान मंदिर को लेकर ग्रामीणों की आस्था जुड़ी है। बरसों पुराने मंदिर में 47 गांव के लोग आते हैं।

विभाग ने भी अन्य स्थान पर मंदिर शिफ्ट नहीं करने देन रहा है। फिलहाल ग्रामीणों से एनएचएआइ व कंस्ट्रक्शन कंपनी चर्चा करने में लगी है। वैसे सारे मंदिर हटाने के लिए अभी बीच का रास्ता नहीं निकला है। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने कहा कि राजमार्ग बनाने के लिए ग्रामीणों को धार्मिक स्थल हटाने के लिए राजी किया जाएगा। वैसे राजस्व भूमि वाले मंदिर के लिए प्रशासन ने दूसरी जगह इन्हें शिफ्ट कर दिया है। कुछ मंदिर प्रशासन ने हटाकर दिए है।

तीसरी टनल के लिए भी वनभूमि

राजमार्ग को लेकर एनएचएआइ अब तीसरी टनल का प्रस्ताव बना रहा है। अभी भेरूघाट (कक्ष क्र. 153) 300 और चोरल (कक्ष 161-162) में 500 मीटर में सुरंग का काम चल रहा है। एनएचएआइ तीसरी सुरंग भी चोरल में बनाएगा। ये वनक्षेत्र में बनाई जाएगी। फिलहाल प्रस्ताव में सुरंग के लिए भी जमीन मांगी है। वहीं एनिमल कारोडिर के लिए भी स्थान वन विभाग चिन्हित कर बताएगा।

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