ग्वालियर। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई है। इसकी शिकायतें आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) तक पहुंच गई हैं। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में अब जांच शुरू कर दी है। इसमें यह भी देखा जा रहा है कि किस प्रकार से इंजीनियरों ने अपने रिश्तेदारों को नौकरी पर रख रखा है।
महापौर की अध्यक्षता वाली समिति को नहीं दिए दस्तावेज
हाल ही में ईओडब्ल्यू के निरीक्षक भीष्म प्रसाद तिवारी ने अधीक्षण यंत्री जागेश श्रीवास्तव को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है कि वर्ष 2016 से लेकर आज तक भर्ती हुए कुल आउटसोर्स कर्मचारियों की कुशल, अर्द्धकुशल और अकुशल श्रेणी की संख्या वर्षवार बताई जाए। इसके अलावा इन कर्मचारियों के नाम स्थायी पते, मोबाइल नंबर और शैक्षणिक योग्यता की सूची भी तैयार करने के लिए कहा गया है। ईओडब्ल्यू ने वर्ष 2020 में हुई शिकायतों की जांच के क्रम में ही इसे आगे बढ़ाते हुए पीएचइ से जानकारी मांगी है। दरअसल, निगम में आउटसोर्स पर भर्ती में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं। यही कारण है कि महापौर की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय जांच समिति को भी अधिकारियों ने पूरे दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। नौ महीने लंबी जांच के बाद भी जब दस्तावेजों के अभाव में जांच पूरी नहीं हुई, तो इसे ईओडब्ल्यू को सौंप दिया।
सबसे ज्यादा पीएचई विभाग में हुई गड़बडि़यां
महापौर की अध्यक्षता वाली समिति को भी पता चला है कि सबसे ज्यादा गड़बड़ियां पीएचइ में ही आउटसोर्स कर्मचारी रखने में हुई है। बिना सक्षम स्वीकृति के कर्मचारियों को नौकरी पर रखा गया। कई इंजीनियरों ने रिश्तेदारों को अपने स्तर पर ही नौकरी पर रखकर आउटसोर्स एजेंसी को हाजिरी भेजना शुरू कर दी। खुद अपने ही रिश्तेदारों की हाजिरी ये इंजीनियर सत्यापित कर रहे हैं। गड़बड़ियां पकड़ने अब ईओडब्ल्यू ने जानकारी मांगी है। कार्यपालन यंत्री संजय सिंह सोलंकी ने कहा कि ईओडब्ल्यू द्वारा मांगी गई जानकारी इकट्ठी कराई जा रही है।
ने किया था खुलासा
नईदुनिया ने गत सात सितंबर के अंक में आउटसोर्स में नया घपला, इंजीनियरों और बाबुओं ने रिश्तेदारों को नौकरी पर लगायाज् शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर इस गड़बड़ी का राजफाश किया था। इसके बाद नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह ने अधीक्षण यंत्री पीएचइ जागेश श्रीवास्तव और कार्यपालन यंत्री संजय सिंह सोलंकी को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इसी बीच अपनी पत्नी को नौकरी पर लगाने वाले प्रभारी उपयंत्री राजकुमार भटनागर का डिमोशन कर लश्कर से मुरार उपखंड में बिल क्लर्क के रूप में पदस्थ कर दिया है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.