भोपाल । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पीपुल्स ग्रुप की 230 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत यह कार्रवाई की गई है। यह संपत्ति पीपुल्स ग्रुप के कालेज, स्कूल, प्रशिक्षण केंद्र, पेपर मिल की है। ईडी ने रजिस्ट्रार आफ कंपनीज ग्वालियर (मध्य प्रदेश) की शिकायत पर यह कार्रवाई की है। इस कार्यालय की तरफ से सुरेश नारायण विजयवर्गीय, राम विलास विजयवर्गीय और पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड, पीजीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और पीपुल्स जनरल हास्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के विरुद्ध शिकायत की गई थी।
ईडी की जांच में सामने आया कि सुरेश नारायण विजयवर्गीय ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के माध्यम से धन जुटाया। उन्होंने संदिग्ध तरीकों और साधनों का उपयोग किया, जिससे तीन कंपनियों के शेयर धारकों के हितों को नुकसान पहुंचा। इन तीनों कंपनियों में एफडीआइ से मिले 494 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
वर्ष 2000 से 2011 के बीच यह निवेश हुआ था। यह ब्याज मुक्त या बहुत कम ब्याज के रूप में निकाल लिया गया था। वर्ष 2000 से 2022 के बीच सुरेश नारायण विजयवर्गीय और उनके नियंत्रण में आने वाली संस्थाओं प्रतिभूति जमा, अग्रिम और अन्य रूप में 594 करोड़ रुपये की आय हुई।
आगे जांच में यह पता चला कि इस आय का उपयोग विजयवर्गीय ने सार्वजनिक परमार्थिक जन कल्याण न्यास (एसजेपीएन) में किया था या नहीं। यह एक सार्वजनिक ट्रस्ट था, जिस पर विजयवर्गीय का ट्रस्टी के रूप में पूरा नियंत्रण था।
इसके अलावा पीजी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (जिसमें 99 प्रतिशत शेयर सुरेश नारायण विजयवर्गीय के थे) में संपत्तियों की खरीद में उपयोग किया गया। उल्लेखनीय है कि ईडी ने इसके पहले मई 2022 और पांच सितंबर 2023 को भी पीपुल्स ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
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