भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने ओलंपिक खेलों में भारत की स्थिति और खिलाड़ियों को दी जानेवाली सुविधाओं के बारे में मीडिया को जानकारी दी। चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पीटी उषा ने कहा कि आज खिलाड़ियों को हर सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्हें हम विदेशों में भेज रहे हैं, उन्हें अच्छी फिजियोथेरेपी, खेल विज्ञान से जुड़ी तकनीक, चिकित्सा सुविधाएं, पौष्टिक भोजन आदि तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं।
एथलेटिक्स में जीत
पीटी उषा ने एथलेटिक्स में भारतीय खिलाड़ियों के बेहतर होने प्रदर्शन के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार और संघ सहयोग कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि मेरे आईओए अध्यक्ष बनने के बाद से भारतीय खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स में विश्वस्तरीय प्रदर्शन शुरु कर दिया है। हमने एक सिस्टम विकसित किया है और इसका फायदा ये हुआ कि विश्व स्तर पर एथलेटिक्स में जीतना बहुत कठिन होने के बावजूद हमने जीतना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रतिभाशाली खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने हाल ही में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता है। उसके बाद 400 मीटर रिले रेस में भी हमारे खिलाड़ी फाइनल में पहुंचे। यह एक अच्छा प्रदर्शन था। विश्व स्तर पर ट्रैक पर यह इतना आसान नहीं है..।
पीटी उषा का परिचय
भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा भारतीय इतिहास की सबसे सफल एथलीटों में से एक हैं। उन्हें भारतीय एथलेटिक्स की ‘गोल्डन गर्ल’ के तौर पर भी जाना जाता है। केरल के कोझिकोड में जन्मी पूर्व स्प्रिंटर पीटी उषा को कम उम्र से ही महान एथलेटिक्स कोच ओम नांबियार ने प्रशिक्षित किया था। दिलचस्प बात ये है कि पीटी उषा को उस पदक के लिए सबसे ज़्यादा याद किया जाता है जो उन्होंने जीता ही नहीं। ये 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में महिलाओं की 400 मीटर हर्डल रेस में मात्र 1/100 सेकंड के अंतर से कांस्य पदक जीतने से चूक गईं।
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