न्यूयार्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि नई दिल्ली में हुआ जी-20 शिखर सम्मेलन ने यह तय कर दिया है कि दुनिया में कूटनीति और संवाद से ही समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि अब वो दिन चले गए हैं, जब कुछ देश एक एजेंडा तय कर दिया करते थे और फिर दूसरे देशों से उसके अनुसार चलने की उम्मीद करते थे। उन्होंने भारत कनाडा के बीच चल रहे विवाद में पीए जस्टिन ट्रूडो को जवाब देते हुए कहा कि राजनीतिक सुविधा उग्रवाद और आतंकवाद के लिए किसी देश की प्रतिक्रिया का आधार कभी नहीं हो सकती।
जी-20 में अफ्रीकन यूनियन को मिली स्थाई सदस्यता
विदेश मंत्री ने कहा कि नई दिल्ली में हुई समिट में भारत की पहल से जी-20 में अफ्रीकन यूनियन को स्थाई सदस्यता दी गई है। इस तरह से हमने पूरे महाद्वीप को एक आवाज दे दी, जिसका उन्हें काफी समय से हक रहा। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण कदम से यूनाइटेड नेशन, जो पुराना संगठन है, सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने के लिए भी प्रेरित होना चाहिए।
आपदा में हम मदद के लिए आगे आए
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, भारत साझेदारों के साथ अपना सहयोग बढ़ावा देना चाहता है। दुनिया में गुटनिरपेक्षता के युग से, हम विश्व मित्र दुनिया के लिए एक मित्र के युग में विकसित हो गए। उन्होंने कहा कि हमने 75 देशों के साथ विकासात्मक साझेदारी बना ली है। आपातकालीन स्थिति और आपदा में भी हम सबसे पहले उत्तरदाता बने। तुर्किये और सीरिया के लोगों इसे देखा है।
#WATCH | New York | At the UNGA, EAM Dr S Jaishankar says, “Namaste from Bharat!…Our fullest support to this UNGA’s theme of rebuilding trust and reigniting global solidarity. This is an occasion to take stock of our achievements and challenges even while sharing our… pic.twitter.com/6TZtneWRHC
— ANI (@ANI) September 26, 2023
महिलाओं के लिए आरक्षण पर कही यह बात
विदेश मंत्री जयशंकर के कहा कि हमारा नवीनतम दावा विधायिकाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के लिए अग्रणी कानून है। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे समाज के लिए बोल रहा हूं, जहां पर लोकतंत्र की प्राचीन परंपराओं की गहरी आधुनिक जड़ें हैं। इसी के कारण भारतीयों की सोच, दृष्टिकोण और काम अधिक जमीनी और प्रामाणिक भी हैं।
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