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कार सेवा में आंसू गैस के गोले से हुआ पैरालिसिस, बोले- अब राम मंदिर के रूप में मिली असली दवा

भिंड। हे सरयू तुझे प्रणाम! श्रीराम के जन्म से लेकर अयोध्या में हुए हर एक संघर्ष की गवाह सरयू है। 33 साल पहले जिस सपने को हम कारसेवकों ने देखा था आज वह पूरा होने जा रहा है। अब अयोध्या जाने से रोकने के लिए न तो कोई दीवार बनाई जाएगी और न किसी बस या ट्रेन को रोका जाएगा। आंसू गैस का गोला लगने से मुझे पैरालिसिस जरूर हुआ है, लेकिन अयोध्या में बनकर तैयार हुए भव्य श्रीराम के मंदिर ने शरीर की सभी समस्याओं पर मरहम लगाने का काम किया है। ये कहना है भिंड में रहने वाले 63 वर्षीय रामसिया शाक्य का।

1990 में कारसेवा के लिए निकले थे रामसिया

33 साल पहले रामसिया शाक्य के सामने जो घटना हुई उसे बयां करते हुए उन्होंने बताया कि 28 अक्टूबर 1990 काे भिंड जिले से कारसेवक अयोध्या जाने के लिए निकले थे। अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा भी। कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन यह परिक्रमा होती है। इस परिक्रमा के लिए साधू-संत और श्रद्धालु तिथि का इंतजार करते हैं। साथ ही विश्व हिंदू परिषद की बैठक भी थी।

नदी पर दीवार का निर्माण

भिंड-इटावा को जोड़ने वाली नदी पर यूपी प्रशासन के द्वारा दीवार का निर्माण करा दिया गया था। जिससे, कारसेवक इटावा की ओर न जा सकें। 27 अक्टूबर की सुबह से ही चंबल नदी के पुल पर कारसेवक एकत्रित होना शुरू हो गए। दीवार की दूसरी तरफ इटावा की ओर से अनाउंसमेंट कराया जा रहा था कि दीवार के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास न करें। 28 अक्टूबर की सुबह हजारों की संख्या में कारसेवक एकत्रित हो गए। इन कारसेवकों में से एक मैं भी था।

दीवार, फायरिंग और आंसू गैस के गोले

राम सिया शाक्य ने बताया कि दोपहर के समय दीवार को ढहा दिया गया। इसके बाद इटावा की तरफ से फायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़े जाने लगे, किसी जानवरी से भी बुरे तरीके से कारसेवकों पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी गईं। इसी बीच एक आंसू गैस का गोला मेरे शरीर में आकर लगा। गोला लगने के बाद मैं, कैसे अस्पताल तक पहुंचा। मुझे इसके बारे में कुछ पता नहीं है। होश आया तो पता चला कि मेरे कमर के नीचे का हिस्सा काम नहीं कर रहा था। डाक्टरों ने पैरालिसिस का अटैक बताया। 25 साल तक मैं, अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सका, लेकिन प्रभु श्रीराम की आज कृपा है कि मैं, आज छड़ी की मदद से थोड़ा-थाड़ चलने लगा हूं।

परिवार के साथ जाऊंगा आयोध्या, सबसे पहले सरयू को करूंगा प्रणाम

पशु अस्पताल से सेवानिवृत्त राम सिया शाक्य का कहना है कि मंदिर के शुभारंभ के दिन काफी भीड़भाड़ होगी। इसलिए शुभारंभ के दिन तो आयोध्या नहीं जाऊंगा, क्योंकि मेरी शारीरिक स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन जल्द ही परिवार के साथ अयोध्या जाऊंगा और आयोध्या जाकर सबसे पहले सरयू मैय्या को प्रणाम करूंगा, क्याेंकि राजा दशरथ से लेकर प्रभु श्रीराम के राजतिलक, वनवास, चित्रकूट से खाली हाथ लौटे भरत, मंदिर के निर्माण को लेकर कारसेवकों के द्वारा किए गए हर संघर्ष का हिसाब सरयु के पास है।

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