Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डब्ल्यूओएस ने किया शक्ति उत्सव आयोज। विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बजट लाईव। भारतीय नौसेना का जहाज कुठार श्रीलंका के कोलंबो पहुंचा। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान प्राण, केंद्रीय कृषि मंत्री। इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से संरक्षणवाद को छोड़कर उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया,पीय... PM Modi ने बागेश्वर धाम की पर्ची निकाल दीं, धीरेंद्र शास्त्री बोले। विधान सभा बजट सत्र 2025-26 का चौथा दिन। मात्र 250 रुपए जमा करने पर आपको मिलेगा 78 लाख रुपए तक! CM योगी ने विधानसभा में शिवपाल यादव पर कसा तंज। देश की पहली दुनिया की 5वीं नाइट सफारी विकसित हो रही, प्रदेश वासियों को नाइट सफारी की मिलेगी सौगात,जा...

खीरे के बिना अधूरी है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को मनाई जाएगी। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में 8वां अवतार लिया था। हर साल कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। कान्हा का जन्म रात्रि में हुआ था। इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा रात को होती है। इस दिन पूजा में खीरे का प्रयोग किया जाता है। खीरे बिने भगवान कृष्ण का जन्मदिन अधूरा माना जाता है। आइए जानते हैं कि जन्माष्टमी पूजा में खीरे का उपयोग क्यों किया जाता है। इसका क्या महत्व है।

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा में खीरा जरूर चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि खीरा चढ़ाने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और भक्तों के कष्ट दूर कर देते हैं।

जन्माष्टमी पूजा में खीरे का इस्तेमाल के पीछे की मान्यता

जन्माष्टमी के खीरे को काटकर उसके तने से अलग किया जाता है। इसे श्रीकृष्ण के माता देवकी से अलग होने का प्रतीक माना जाता है। ऐसा करने के बाद विधि-विधान से पूजा शुरू होती है। जन्माष्टमी के दिन खीरा काटने की प्रक्रिया को नल छेदन कहा जाता है। इस दिन पूजा के दौरान कान्हा को खीरा चढ़ाएं।

पूजा के बाद खीरे का क्या करें?

ज्यादातर लोग खीरा प्रसाद के रूप में बांटते हैं। वहीं, कुछ जगहों पर इसे नवविवाहित महिलाओं या गर्भवती महिलाओं को खिलाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि यह खीरा किसी गर्भवती महिला को खिलाया जाए तो श्रीकृष्ण जैसे बच्चे का जन्म होता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.