इस बीच राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले एक आदेश जारी कर जशपुर के विकासखंड शिक्षाधिकारी एमजेडयू सिद्दीकी को प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी नियुक्त कर दिया है। आदेश का पालन करते हुए सिद्दीकी ने डीईओ कार्यालय में अपनी ज्वाईनिंग भी दे चुके हैं। लेकिन नरेन्द्र सिन्हा ने अब तक उन्हें प्रभार नहीं सौंपा है।
वहीं सिद्दीकी प्रतिदिन डीईओ कार्यालय जा कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहें हैं। लेकिन विभाग का कामकाज डीएमसी नरेन्द्र सिन्हा ही देख रहे हैं। एक ही कार्यालय में एक साथ दो जिला शिक्षाधिकारी को लेकर शहरवासियों में चर्चा बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि बीते कुछ सालों से जिला शिक्षा कार्यालय विवादों में घिरा रहा है। विवाद की शुरूआत पूर्व जिला शिक्षाधिकारी एसएन पंडा के कार्यकाल के दौरान शुरू हुआ था। इस समय शिक्षकों की भर्ती को लेकर जमकर विवाद की स्थिति बनी थी।
इसके बाद जितेन्द्र प्रसाद पर निलंबन की गाज गिरी थी। उनके निलंबन के बाद मधुलिका तिवारी की पदस्थापना शासन ने की थी। लेकिन जितेन्द्र प्रसाद ने निलंबन के विरूद्व न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया। जिससे डीईओ के प्रभार को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई थी। हालांकि बाद में मधुलिका तिवारी को रिलीव कर जितेन्द्र प्रसाद को प्रभार सौंप दिया गया था।
वर्जन
जिला शिक्षाधिकारी का प्रभार यथावत है। एमजेडयू सिद्दकी के विरूद्व विभागीय जांच चल रही है। इसकी जानकारी प्रेषित की गई है।
डा रवि मित्तल,कलेक्टर,जशपुर
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