छतरपुर। शहर के बाजार सहित नगर कस्बों में मिठाइयों को बाजार रक्षाबंधन के तीन दिन पहले से सज गया था। बाहर से जमकर मावा भी आया और पनीर भी सप्लाई हुआ, लेकिन यह खाद्य पदार्थ सही थे या मिलावटी इसकी जांच तक नहीं हो सकी। जब त्योहार निकल गया तब खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को छापामार कार्रवाई की याद आई।
कई स्टाल तो ऐसे थे जिनमें बेशुमार गंदगी पसरी थी और मक्खियों का जमावड़ा था अगर समय रहते इनकी जांच पड़ताल होती तो मिलावट की हकीकत सामने आती। जबकि बाजार में महोवा, झांसी, रीवा आदि जगहों से मावा और पनीर की जमकर सप्लाई होती रहाी, लेकिन मिठाइयों की जांच पड़ताल करने के लिए कोई झांकने तक नहीं पहुंचा।
मिठाइयों का औचक निरीक्षण किया गया
शुक्रवार को रक्षाबंधन त्योहार के दृष्टिगत पन्ना नाका स्थित स्वीट्स पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी वंदना जैन द्वारा छापा मार कार्रवाई की गई। मौके पर रखी हुईं मिठाइयों का औचक निरीक्षण किया गया और मोतीचूर के लड्डू और रोस्टेड पेड़ा का मिलावट की आशंका होने पर नमूना लिया गया है। साथ ही विक्रेता को दुकान में साफ सफाई रखने और गुणवत्तायुक्त ही खाद्य सामग्री विक्रय करने के निर्देश दिए गए एवं परीक्षण में नमूना फेल होने और मिलावट पाए जाने पर संबंधित पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
बाजार में बिक रहा 300 से 400 रुपये किलो क्रीम वाला घी
बाजार में हर घर में घी का उपयोग किया ही जाता है। लेकिन जब बाजार में क्रीम के घी की तीन क्वालिटी बिकती नजर आएं तो क्या कहेंगे। लोगों का कहना है कि शहर की डेयरियों पर क्रीम के घी के नाम पर 300 से 400 रुपये प्रति किलो घी बिकता रहता है। इसकी कोई जांच पड़ताल तक नहीं होती। जबकि क्रीम का घी सही क्वालिटी का 600 से 700 रुपये का होता है।
इसी तरह यूपी के रास्ते जो मावा पिछले आठ दिनों से बड़ी मात्रा में मिठाई के कारखानों तक पहुंच रहा है उसकी जांच पड़ताल तक नहीं हो सकी।
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