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दिवाली का प्रदूषण डायबिटीज और अस्थमा मरीजों के लिए दुखदाई न बने, योग से होगा बचाव

ग्वालियर। दिवाली के मौके पर डायबिटीज और अस्थमा के रोगियों को सबसे ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इस त्यौहार में कई तरह के पकवान और मिठाइयां बनती हैं, जिनका सेवन मधुमेह रोगियों की परेशानी को बढ़ा सकता है। वहीं दिवाली के त्योहार को मनाने के लिए लोग पटाखे जलाते हैं, जिसके कारण अस्थमा रोगियों की जटिलता बढ़ने का खतरा रहता है। पटाखों से निकलने वाला धुआं अस्थमा रोगियों की मुश्किलों को बढ़ा देता है। ऐसे में जानते है कि कौनसे योग अभ्यास है जो स्वास्थ को आराम देने के साथ इस परेशानी से भी राहत देते है।

कपालभाति प्राणायाम

श्वास संबंधित समस्या से राहत के लिए कपालभाती प्राणायाम असरदार है। इस आसन के अभ्यास से सांस लेने की तकलीफ दूर होती है और मन शांत होता है। तंत्रिका तंत्र सक्रिय होती है। कपालभाति प्राणायाम शरीर की सभी नाड़ियों को साफ करता और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।

सेतुबंधासन

सेतुबंधासन को ब्रिज पोज कहते हैं। इस आसन को अभ्यास थायराइड की समस्या को कम कर सकता है। छाती और फेफड़ों को खोलता है और पाचन में सुधार लाता हा। अस्थमा रोगियों के लिए सेतुबंधासन बहुत प्रभावी योगाभ्यास है।

पवनमुक्तासन

अस्थमा के रोगियों के लिए पवनमुक्तासन योग का अभ्यास अच्छा माना जाता है। इस योगासन के नियमित अभ्यास से उदर के अंगों की मालिश होती है और पाचन व गैस के निर्गमन में मदद मिलती है। दिवाली में श्वास से जुड़ी परेशानियों से बचाव के लिए पवनमुक्तासन का अभ्यास करना शुरू कर दें।

भुजंगासन

भुजंगासन का अभ्यास कोबरा मुद्रा में किया जाता है। इस आसन को करने से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। अस्थमा मरीजों के लिए इस आसन का नियमित अभ्यास लाभदायक है। भुजंगासन के नियमित अभ्यास करने से पटाखों से होने वाली सांस संबंधी समस्या से बचाव करेगा।

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