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बरगद पर मारी कुल्हाड़ी तो बहने लगा खून, फिर प्रकट हुए भोलेनाथ, ये है गरीबनाथ मंदिर की महिमा

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ धाम को बिहार का बैद्यनाथ धाम कहा जाता है. महाशिवरात्रि के दिन बाबा गरीबनाथ के दर्शन करने भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. मान्यता है कि बाबा गरीबनाथ के दर्शन पूजन से दरिद्रता दूर होती है, बाबा अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं और उन्हें धनवान बनाते हैं. कहा जाता है कि बाबा गरीबनाथ धाम में शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. शिव को बेलपत्र चढाने से उनका मस्तिष्क शीतल रहता है और वह भक्तों की दरिद्रता दूर करते हैं.

बाबा गरीबनाथ धाम मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां पूरा शिव परिवार विराजता है, मंदिर में भगवान शंकर के साथ माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश भी यहां विराजमान हैं. इसके साथ ही सूर्यदेव, राधा कृष्ण और हनुमानजी भी विराजमान हैं. मंदिर के गर्भगृह के मुख्य द्वार पर नंदी विराजते हैं.

बाबा गरीबनाथ धाम का इतिहास

गरीबनाथ धाम शिव भक्तों के आस्था और अटूट श्रद्धा का केन्द्र है. यहां स्थित शिवलिंग की पूजा मनोकामनालिंग के तौर पर होती है. बाबा यहां आने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं. यही वजह है कि भोले नाथ यहां मनोकामनालिंग के नाम से मशहूर हैं. बाबा गरीबनाथ धाम मंदिर का इतिहास तीन सौ साल पुराना है. जहां भगवान शिव का मंदिर है वहां कभी एक विशाल बरगद का पेड़ हुआ करता था. यह बरगद का पेड़ एक गरीब आदमी की खेत में था. कहा जाता है कि आर्थिक तंगी की वजह से उसने अपनी वो जमीन एक जमींदार को बेच दिया. इसके बाद जमींदार ने मजदूरों को बुलाकर उस पेड़ को कटवाना शुरू कर दिया. इस दौरान पेड़ से खून जैसा कुछ बहने लगा तब जमींदार ने पेड़ को कटवाना बंद करवा दिया. इसके बाद उसी दिन रात में जमींदार को सपने में भगवान शिव आए और उसे वहां शिव मंदिर बनाने का आदेश दिया. इसके बाद यहां बाबा गरीबनाथ मंदिर की स्थापना हुई.

गरीब के बेटी की शिव ने कराई शादी

इसके साथ ही ये मंदिर से जुड़ी एक कहानी ये भी है कि एक शख्स बरगद के पेड़ के नीचे सो रहा था. वह अपनी बेटी की शादी को लेकर परेशान था. बेटी की शादी तय थी लेकिन खर्चों को नहीं जुटा पाने की वजह से वह चिंता में डूबा हुआ था. इस दौरान उसके सपने में भगवान भोलेनाथ आए और बोले जाओ तुम्हारी चिंता दूर हो जाएगी. इसके बाद जब वह घर पहुंचा तो वहां शादी के सभी सामान मौजूद था. गरीब मजदूर ने पत्नी से पूछा कि ये सब कहां से आया तो पत्नी ने बताया कि सब आपके नाम पर कोई देकर गया है. इसके बाद गरीब ने जब ये बात लोगों को बताई तो वहां लोगों ने भगवान शिव के मंदिर की स्थापना कराई. गरीब का उद्धार करने की वजह से इस मंदिर का नाम बाबा गरीबनाथ धाम पड़ा.

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