छत्तीसगढ़ का एक ऐसा गांव जो कि गंगरेल बांध के किनारे बसा हुआ है. इसके बावजूद यहां लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. गंगरेल बांध से पानी दूसरे जिलों में जाता है लेकिन गांव के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. इस वजह से इस गांव में लोग शादी करने से भी कतरा रहे हैं.
धमतरी से 15 किमी दूर मोहलई गांव है, जो कि नगरी विकासखंड में आता है. इस गांव से गंगरेल बांध की दूरी करीब 10 किमी है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, पिछले 30 साल से गांव के लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. बांध गांव के किनारे होने के बावजूद लोगों की पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
क्या बताया लोगों ने?
लोगों के मुताबिक, गांव में हैंडपंप और नल योजना भी है लेकिन सभी बंद पड़े हुए हैं. साथ ही लाखों रुपयों की लागत से जल मिशन के तहत पाइप लाइन बिछी थी लेकिन वह भी बंद पड़ी है. इस वजह से बड़े हो या बच्चे सभी साइकिल के जरिए बांध के पास पहुंच रहे हैं और वहां से डिब्बों में पानी भरकर ला रहे हैं. इस वजह से गांव के पंचायत के जरिए एक टैंकर की व्यवस्था की गई है, जो कि दिन में एक बार ही आता है. इससे पानी लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ जाती है. इस बीच लोगों को जितना भी मिलता है, वह उसी में संतुष्ट हो जाते हैं.
नहीं हो रही शादी
अगर यह टैंकर नहीं आता तो गांव के लोग बांध से पानी लाने के लिए साइकिल से निकल पड़ते हैं. लोगों का कहना है कि पानी भरने की वजह से उन्होंने काम करना भी छोड़ दिया है. वहीं, गांव के उप सरपंच बताते हैं कि गांव में पानी की समस्या की वजह से इस साल शादी की शहनाई गूंजना भी बंद हो गई है. इस सीजन में एक भी शादी नहीं हुई है. दावा है कि इस वजह से लोग उनके गांव से रिश्ता नहीं जोड़ना चाहते हैं. अगर किसी लड़की की शादी होकर इस गांव में आ भी जाती है तो पानी की समस्या को लेकर पत्नियां अपने पति को ताना देती हैं. हालात अब ये है कि पानी की समस्या के बीच गांव में जो भी रिश्ते तय हुए हैं, वह अब टूटने की कगार पर हैं.
क्या बताया जिले कलेक्टर ने?
इस बारे में जिले कलेक्टर का कहना है कि पानी की समस्या जिले भर में है. गांव में फिलहाल ट्यूवेल चल रही है औऱ गांव वाले इस समय भी धान की फसल कर रहे हैं.कलेक्टर के मुताबिक, पानी का स्तोत्र नीचे जा रहा है.इस वजह से पानी की समस्या बढ़ रही है.
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