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भारत बंद हमारा अधिकार है या अपराध… क्या कोई भी कर सकता है इसका ऐलान, जानिए क्या कहता है संविधान

संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य ट्रेड यूनियन ने शुक्रवार को ग्रामीण भारत बंद बुलाया. किसानों-मजदूरों से अपना काम बंद करने की अपील की गई. हालांकि, भारत बंद का बहुत व्यापक असर नहीं दिखाई दिया. भारत बंद का समय सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक बताया गया. शनिवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के किसान संगठन बैठक करेंगे. पिछले साल भी भारत बंद बुलाया गया था, लेकिन इसको लेकर मन में कई सवाल उठते हैं.संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य ट्रेड यूनियन ने शुक्रवार को ग्रामीण भारत बंद बुलाया. किसानों-मजदूरों से अपना काम बंद करने की अपील की गई. हालांकि, भारत बंद का बहुत व्यापक असर नहीं दिखाई दिया. भारत बंद का समय सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक बताया गया. शनिवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के किसान संगठन बैठक करेंगे. पिछले साल भी भारत बंद बुलाया गया था, लेकिन इसको लेकर मन में कई सवाल उठते हैं.

सवाल है कि क्या लोगों या किसी संगठन को संविधान यह अधिकार देता है कि वो भारत बंद बुला सकें. या फिर यह किसी तरह के अपराध के दायरे में आता है. किन हालातों में एक्शन लिया जा सकता है. एक्सपर्ट्स से जानते हैं इन सवालों के जवाब.

भारत बंद अपराध या अधिकार, ऐसे समझें

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट आशीष पांडे कहते हैं, भारत एक लोकतांत्रिक देश है. यहां लोगों को उनकी बात कहने का अधिकार देता है. भारतीय संविधान का आर्टिकल-19 अपने नागरिकों को कई तरह के अधिकार देता है. आर्टिकल 19 (ए) भारतीय नागरिकों को भाषण देने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है. सेक्शन-बी के तहत लोग शांतिपूर्वक बिना किसी हथियारों के कहीं पर इकट्ठा हो सकते हैं. संविधान में इस तरह की फ्रीडम दी तो गई हैं, लेकिन इनके साथ कुछ पॉइंट्स को भी जोड़ा गया है.

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