भोपाल। मध्य प्रदेश में दस मार्च के पहले प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति और जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के चुनाव कराए जाएंगे। इसके लिए जनवरी में सदस्यता सूची तैयार की जाएगी और फरवरी में चुनाव होंगे। मार्च में जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के चुनाव प्रस्तावित किए गए हैं।
गैर दलीय आधार पर होने वाले इस चुनाव के लिए कांग्रेस जिला स्तर पर समिति बनाएगी। समिति सहमति के आधार पर अपने समर्थकों को चुनाव लड़ाएगी ताकि अधिक से अधिक संस्थाओं में पार्टी समर्थक चुनाव जीतकर पहुंचें।
वर्ष 2018 में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और फिर राज्य सहकारी बैंक के चुनाव होने थे। विधानसभा चुनाव के कारण सरकार ने तब चुनाव नहीं कराए और फिर लगातार मामला किसी ने किसी कारण से टलता गया। समितियों और बैंकों के सामान्य कामकाज के लिए सरकार ने प्रशासक बना दिए, जो नियमानुसार छह माह में रह सकते हैं।
विशेष परिस्थिति में इस अवधि को छह माह और शासन बढ़ा सकता है लेकिन इससे अधिक अवधि का प्रविधान नहीं है। इसके बाद भी सदस्यता सूची सहित अन्य विषयों के कारण चुनाव टलते गए। हाईकोर्ट में कई याचिकाएं लगीं और हाईकोर्ट जबलपुर ने अंतत: चुनाव कराने के निर्देश दिए, जिस पर राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी कार्यालय ने चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया।
इसके अनुसार समितियों की सदस्य सूची इसी माह तैयारी करके फरवरी में चुनाव कराए जाएंगे। समितियों के माध्यम से जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के लिए प्रतिनिधियों चुने जाएंगे और फिर बैंक के संचालक मंडल का चुनाव होगा। इन्हीं में से अपेक्स बैंक के प्रतिनिधि चुने जाएंगे और वे संचालक मंडल के अध्यक्ष का चुनाव करेंगे।
प्रस्तावित कार्यक्रम अनुसार यह प्रक्रिया दस मार्च के पहले पूरी करके हाईकोर्ट को सूचित करना होगा। इसे देखते हुए कांग्रेस ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह यादव का कहना है कि जिला स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी।
इसमें सहकारिता क्षेत्र से जुड़े सक्रिय नेताओं को रखकर प्रयास करेंगे कि पार्टी समर्थक अधिक से अधिक संख्या में प्रतिनिधि चुने जाएं। इसके लिए आपसी सहमति बनाने पर जोर रहेगा।
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