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मध्य प्रदेश में 17 जुलाई से फिर बढ़ेंगी मानसून की गतिविधियां होगी झमाझम वर्षा

भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर वर्तमान में पांच मौसम प्रणालियां बनी हुई हैं। मानसून द्रोणिका भी प्रदेश के ग्वालियर, सीधी से होकर गुजर रही है। इससे रुक-रुककर वर्षा होने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर शाम साढ़े पांच बचे तक नर्मदापुरम में 45, इंदौर में 20.2, रायसेन में 14, पचमढ़ी में 10, भोपाल में 8.5, छिंदवाड़ा में आठ, गुना में छह, उज्जैन में 0.6 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक छिटपुट वर्षा अभी होती रहेगी।

17 जुलाई से झमाझम वर्षा का दौर भी शुरू होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी एसएन साहू ने बताया कि मानसून द्रोणिका बीकानेर, अजमेर, ग्वालियर, सीधी, छत्तीसगढ़ से होते हुए अरुणाचल प्रदेश तक बनी हुई है। इससे बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से लगातार नमी मिल रही है।

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में दक्षिणी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। हरियाणा के अलावा दक्षिणी गुजरात में भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात मौजूद है। पाकिस्तान के मध्य में एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है।

इन मौसम प्रणालियों की सक्रियता से भी प्रदेश के अधिकतर जिलों में बादल छाए हुए हैं। इसके साथ ही रुक-रुककर बौछारें पड़ सकती हैं। शनिवार को भी प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो सकती है। उधर, 16 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बनने जा रहा है।

इस चक्रवात के कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने की उम्मीद है। साथ ही मानसून द्रोणिका के भी नीचे आने की संभावना है। 17 जुलाई से पूरे प्रदेश में मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगेगी। भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, शहडोल, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में झमाझम वर्षा का दौर शुरू हो सकता है।

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